
आशा सहयोगिनी व नर्सिंग स्टाफ ने

सरदारशहर, आशा सहयोगिनी व नर्सिंग स्टाफ ने चिकित्सालय प्रभारी पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया। हरियासर जाटान की आशा सहयोगिनी इन्द्रा ने बताया कि वह सुमन व देवकी महिलाओं को चिकित्सालय में लेकर आई थी जिनका करीब 6 माह पहले नसबंदी ऑपरेशन करवाया गया था। दोनो महिलाओं को प्रमाण पत्र लेने के लिए प्रभारी के पास गई तो वे अशोभनीय भाषा का प्रयोग करने लगे तथा प्रमाण पत्र देने के लिए मना कर दिया। वहीं नर्सिंग स्टाफ राजकुमार सोनी ने बताया कि प्रभारी के बुलाने पर वो प्रभारी के चैम्बर में गया तो प्रभारी डॉक्टर शंकरलाल शर्मा मेरे साथ भी बदतमीजी से बात करने लगे तथा धमकी देने लगे। इसी क्रम में खेजड़ा ग्राम की आशा सुलोचना भी एक सुमन नाम की महिला को लेकर आयी थी जिसने दो माह पूर्व नसबंदी करवायी थी। अस्पताल प्रभारी ने उक्त महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार किया। उक्त घटना पर अस्पताल में माहौल गर्मा गया और अन्य लोग इक्कठे हो गये दोनो पक्षों को समझाई कर महौल शांत किया गया। महिलाओं का कहना है कि नसबंद करवाना आसान है लेकिन उसका प्रमाण पत्र लेने के लिए इस अस्पताल में चकर लगाने पड़ते है और वहीं इस डाक्टर का व्यवहार ऐसा है कि यहां आकर शर्मिन्दा होना पउ़ता है। इधर प्रभारी डॉ शंकरलाल ने कहा कि नियमानुसार ही नसबंदी प्रमाण पत्र बनते हैं उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया। हंगामा जैसी कोई बात नहीं है, सिरफिरे लोग कुछ बातें कर रहे हैं। सरकार ने नसबंदी प्रमाण पत्र देने के लिए नियम बना रखे हैं उन्हें नियमों के तहत ही प्रमाण पत्र दिया जाता हैए ऐसे ही कोई आ जाता है तो प्रमाण पत्र नहीं मिलता है।