चूरू, चाइल्ड हेल्प लाइन की चूरू टीम ने शनिवार को दिल्ली से बीकानेर जाने वाली एक्सप्रेस सवारी गाड़ी में बिना टिकट और लावारिस हालत में मिले नाबालिग बालक को संप्रेषण गृह भिजवाया। जिला परियोजना अधिकारी पन्ने सिंह ने बताया कि दिल्ली से बीकानेर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में सहायक उप निरीक्षक राजेश कुमार व सुमंत कुमार को साथ प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर गाड़ी को चेक करने के दौरान साधारण कोच में लगभग 14 वर्षीय बालक गुमसुम हालत में बैठा मिला। रेलवे पुलिस प्रभारी ने यातिर््यों से पूछताछ की तो यात्रियों ने बताया कि बालक कुछ भी नही बता रहा है। पुलिस प्रभारियों ने बालक को रेल्वे चौकी लाकर चाइल्ड हेल्प लाइन टीम को सूचना दी।
सूचना मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन की चूरू टीम ने रेल्वे पुलिस चौकी पहुंचकर रेलवे पुलिस द्वारा सुपुर्दगी पत्र के साथ बालक को चाइल्ड हेल्प लाइन को सुपुर्द किया। चाइल्ड हेल्पलाइन ऑफिस में काउंसलर वर्षा कंवर द्वारा बातचीत करने पर बालक ने बताया कि उसका नाम लोकेश डांगी है। वह उदयपुर जिले के आंजना गांव का रहने वाला है। उसके पिता का नाम प्रकाशचंद डांगी व माता का नाम केशर बाई है। बालक ने बताया कि वह दो तीन दिन से स्कूल नहीं जा रहा था। घर से स्कूल बैग और साइकिल लेकर निकल जाता था। यह सूचना स्कूल प्रिंसिपल ने घर वालो को दी तो इस बात का पता चलने पर वह भय के कारण घर से निकल गया तथा दिल्ली वाली ट्रेन में बैठकर चूरू पहुंच गया। पन्ने सिंह ने बताया कि बालक के घर वालों का पता लगा लिया गया है। बालक का स्वास्थ्य परीक्षण करवा कर बाल कल्याण समिति चूरू के समक्ष पेश किया गया और बाल कल्याण समिति ने बालक को संप्रेषण ग्रह के आदेश दिए। इस कार्यवाही में चाइल्ड हेल्प लाइन टीम के सुपरवाइजर नरपत सिंह, रविन्द्र सिंह, सुभाष कुमार, अमन छापरवाल, निखिल सिंह, रूपेंद्र रिड़खाल आदि ने सहयोग किया।