भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार मतगणना को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न करवाने हेतु जिला मजिस्ट्रेट चूरू ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए चूरू जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर आज दिनांक 07 दिसम्बर 2018 की मध्यरात्री 12 बजे से 11 दिसम्बर 2018 की मध्यरात्री 12 बजे तक निषेधाज्ञा लागू करने के आदेश जारी किये है। आदेशानुसार चूरू जिले की सीमा के भीतर सम्पूर्ण क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से अथवा सामूहिक रूप से अपने साथ किसी प्रकार का आग्नेयास्त्रा जैसे – रिवॉल्वर, पिस्तौल, बन्दूक (बीएन/एमएल गन) राईफल्स, धारदार हथियार जैसे – तलवार, फर्सा, चाकू, भाला, कृपाण, बरछी, गुप्ती, कटार जो किसी धातु के शस्त्र के रूप में बना हो तथा लाठी आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण कर न तो घूमेगा, न ही प्रदर्शन करेगा एवं न ही साथ लेकर चलेगा। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, सभा, जुलूस इत्यादि सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना नहीं करेंगे। कोई भी व्यक्ति किसी समुदाय या धर्म को लेकर किसी प्रकार की आपतिजनक भाषा का प्रयोग नहीं करेगा और न किसी प्रकार के नारे, गाना या भाव भंगिमा द्वारा किसी धर्म, समुदाय विशेष के प्रति असम्मान प्रकट करेगा। कोई व्यक्ति संस्था या समूह किसी भी प्रकार का आपतिजनक या उत्तेजनात्मक साहित्य प्रकाशित, प्रचारित व प्रसारित नहीं करेगा। कोई व्यक्ति, संस्था या समूह ऎसा कोई कृत्य नहीं करेगा जिससे किसी समुदाय, धर्म, जाति की भावना को ठेस पहुंचे। कोई भी व्यक्ति ऎसा कार्य नहीं करे व अपने कब्जे की सम्पति का उपयोग इस प्रकार नहीं करें कि बल्वे या दंगे की सम्भावना हो, विधि द्वारा नियोजित व्यक्ति को क्षति, बाधा या लोभ होना सम्भव हो या लोकशक्ति का भंग होना सम्भव हो। कोई भी व्यक्ति इस दौरान किसी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ व अत्यन्त ज्वलनशील पदार्थ एवं घातक पदार्थ लेकर नहीं चलेगा एवं ना ही इसका प्रयोग करेगा, परन्तु यह बल्क केमिकल अनुज्ञाधारी आवागमन (लाईसेंस्ड ट्रान्सपोर्ट) पर लागू नहीं होगा।
आदेशों में निम्न छूट होगी ः- ऎसे व्यक्तियों को लाठी लेकर चलने की छुट होगी जिनके लिए लाठी वृद्धावस्था या विकलांगता के कारण सहारे के काम में आती है। सिखों को धार्मिक कटार लेकर चलने की। शस्त्र थाने में जमा करवाने हेतु ले जाने की।
इस आदेश की पालना सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी जिले में कार्यरत कार्यपालक मजिस्ट्रेटों, पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की होगी। उक्त आदेश की अवहेलना या उल्लंघन किये जाने पर संबंधित व्यक्ति या समूह प्रचलित कानून के अनुसार दण्ड का भागी होगा।