बारिश की शुरुआत ने पंचायत की व्यवस्थाओं की खोली पोल
साहवा [विशाल आसोपा] बरसात जहां किसानों के चेहरों पर खुशी लाती है वही तारानगर के साहवा कस्बे के वार्ड 19, 20 व 21 के वार्डवासियों के चेहरों पर पंचायत प्रशासन की हठधर्मिता के कारण परेशानियां ले कर आती है। वैसे तो इन वार्डो की गलियों से गुजरना महाभारत है क्योकि इन गलियों में हर वक्त कीचड़ भरा रहता है जहाँ से बड़े बुजुर्गों बच्चों व महिलाओं का गुजरना मुश्किल होता है। वही पहली बरसात के साथ ही गालियां दरिया बन जाती है। बरसात के बाद इन वार्ड वासियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया। उन माता पिता के हाल बुरे हो गये जिन के छोटे बच्चे स्कूल गये हुए थे बच्चों को स्कूल जा कर कंधे पर बिठा घर लाना पड़ा । वर्षो से इस समस्या का दंश झेल रहे वार्डवासियों की समस्या प्रशासन भी नही सुन रहा । शायद प्रशासन भी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है । आज से 3 वर्ष पहले भी तेज बरसात में इन वार्डो के सेंकडो गरीब परिवारों के मकान गिर गये थे । सरकार ने गरीबो को मुवावजे के तौर पर 4-4हजार रुपये पकड़ा कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली । वही सरपंच ,पटवारी व स्थानीय प्रशासन की भेदभाव पूर्ण नीति का शिकार गरीबों को होना पड़ा। अब भी लगातार सरपंच को बार बार कहने के बाद भी ध्यान नही देने की वजह से वार्डवासी अपने ही घरों में कैद होकर रह गये है । अगर समय रहते प्रशासन ने ध्यान नही दिया तो एक बार फिर वही 3 वर्ष पहले का हादसा हो सकता है।