जिले में हर माह आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी राजकीय चिकित्सा संस्थान पर गर्भवती महिलाओं को गर्भकाल के दौरान मिलने वाले पोषण आहार के बारे में बताया जायेगा। सीएमएचओ डॉ.सुनील जांदू ने बताया कि गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जोखिम को कम करने के लिए हर महीने की 9 तारीख को सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आयोजित किया जाता है। 9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाएगा। इसके अंतर्गत जिले में आयोजित शिविरों में गर्भवती महिलाओं की जांच एवं उपचार किया जाएगा। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील जांदू ने बताया कि अभियान के अंतर्गत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित समस्त चिकित्सा संस्थानों पर गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था एवं प्रसव संबंधी समस्त जानकारी प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा जांच एवं उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं की गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व जांच सुविधाएं देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जा रहा है। निजी चिकित्सक भी देंगे स्वैच्छिक सेवायें, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृृत्व अभियान में निजी चिकित्सकों का भी खासा उत्साह नजर आ रहा है। निजी चिकित्सकों द्वारा अभियान के अंतर्गत आयोजित कैम्पों में स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं और गर्भवती महिलाओं की निशुल्क प्रसवपूर्व जांच करेंगें। नि:शुल्क सेवाएं देने के इच्छुक निजी चिकित्सालयों के चिकित्सक अभियान से जुड़ सकते हैं। इच्छुक स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ वेबसाईट पर विजिट कर अपना पंजीकरण करवाकर अभियान से जुड़ सकते हैं और अपनी निशुल्क सेवाएं लाभार्थी महिलाओं को प्रदान कर सकते हैं। अभियान में सभी आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं नि:शुल्क प्रदान की जायेगी।
-गर्भवती की यह होगी जांच आरसीएचओं डॉ.जांदू ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की एच. बी., एच. आई. वी., सिफलिस, बी. पी., तापमान की जांच, ह्रदय स्पंदन की जांच सहित जटिलता की जांच की जाएगी। साथ ही उन्हें आई. एफ. ए., कैल्शियम और अन्य आवश्यक दवाइयाँ प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान सुनिश्चित किया जा रहा है कि दूसरी और तीसरी तिमाही की गर्भवती महिला का कम से कम एक बार चिकित्सक हैल्थ चैकअप जरूर करें। इस प्रकार अभियान के दौरान गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जोखिम के कारणों का समय पर पता लग पा रहा है तथा इससे विभिन्न कारणों से होने वाली असमय मृत्यु के खतरे पर को काफी हद तक कम करने में मदद मिल रही है। अभियान के दौरान अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनका उपचार किया जा रहा है और किसी भी प्रकार की जटिलता पाए जाने पर 104 जननी एक्सप्रेस वाहन के जरिए नि:शुल्क उच्च चिकित्सा संस्थान पर रैफर किया जा रहा है।