जिले में बदलते मौसम के साथ मौसमी बीमारियों के बढऩे की संभावना को मध्यनजर रखते हुये रोकथाम व बचाव के लिये मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने आमजन के साथ चिकित्सा अधिकारियों को गंभीरता बरतने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि मौसमी बीमारी प्रभावित क्षेत्रों में रेपिड रेस्पोंस टीमें नियमित एंटीलार्वा गतिविधियां कर रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण दिन में धूप व रात को हल्की सर्दी का अहसास हो रहा है। जिसके कारण मौसमी बीमारियों के बढऩे की संभावना को मध्यनजर रखते हुये जनसाधारण को मौसमी बीमािरयों से बचाव एवं उपचार हेतु समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जिले के सभी चिकित्सा संस्थान व चिकित्साकर्मियों को विशेष निर्देश दिये हैं। मौसमी बीमारियों से बचने के लिये जनजागृति आवश्यक है। उन्होंने जिले के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में एक वार्ड में मौसमी बीमारियों के रोगियों के उपचार हेतु आरक्षित रखा गया हैं। संस्थान में रोगी के उपचार हेतु आपातकालीन किट में आवश्यक दवाईयां, चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ को इस दौरान ड्यूटी के प्रति सतर्क रखने के निर्देश दिये गये हैं। मौसमी बीमारियों स्वाइन फ्लू, डेंगू, स्क्रब टाइफस एवं जीका के मध्यनजर रखते हुए समस्त चिकित्सालयों में इनके निदान एवं उपचार की समुचित व्यवस्था हेतु आवष्यक दिशा निर्देश दिये गये है। मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं बचाव के लिए हैल्थ स्क्रिनिंग, जांच-उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही विशेष सर्तकता बरते जायें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसेे क्षेत्रों में रुके हुए पानी को हटाने व मच्छरों की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य दलों द्वारा मच्छरों की रोकथाम के लिए उनके प्रजनन संभावित स्थानों को नष्ट किया जा रहा है। जिले में कई स्थानों पर एंटी लार्वा गतिविधियों के अलावा फोगिंग भी करवाई जा रही है। रूके हुये पानी में मच्छरों को नष्ट करने के लिए एमएलओ भी डलवाया जा रहा हैं। घर-घर जाकर मौसमी बीमारी के मरीजों केे बारे में भी जानकारी एकत्रित करवाई जा रही है।