प्रार्थिया ने एडवोकेट संजय महला व सुनीता महला के जरिये दोषी अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की
झुंझुनू, राजस्थान हाई कोर्ट ने बीडीके अस्पताल में ब्लड बैंक में काउंसलर पद पर कार्यरत महिला कर्मी की पूर्व में विभाग द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाने व पुनः डयूटी पर लिए जाने के आदेश की अभी तक पालना नही करने को लेकर दायर अवमानना याचिका में डॉक्टर बाजिया व तीन अन्य उच्च अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले के अनुसार प्रार्थिया अनुपमा कुल्हार जो बीडीके अस्पताल में ब्लड बैंक काउंसलर पद पर कार्यरत थी की सेवाएं निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने 19 फरवरी 2021 को समाप्त कर दी थी ततपश्चात इसकी पालना में बीडीके अस्पताल ने 23 फरवरी को पद से हटा दिया। उक्त आदेश को चुनौती दिए जाने पर हाई कोर्ट ने 22 सितम्बर को दोनो पक्षो की सुनवाई के बाद बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाकर पुनः कार्यग्रहण कराए जाने के आदेश दिए।
न्यायालय आदेश की पालना नही करने पर प्रार्थिया ने एडवोकेट संजय महला व सुनीता महला के जरिये दोषी अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर कर आदेश की पालना करवाने व दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही कर उन्हें दंडित करने की मांग की। बहस में एडवोकेट संजय महला ने कहा कि प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ वी डी बाजिया ने जानबूझकर न्यायालय आदेश की पालना नही कर उल्टे उच्च अधिकारियों से भी आदेश की पालना करवाने में देरी कर प्रार्थिया को परेशान कर रहे है।अवमानना याचिका मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने अभी तक आदेश की पालना में कार्यग्रहण नही कराने व जानबूझकर अवहेलना करने को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के दोषी अधिकारियों वैभव गालरिया प्रमुख शासन सचिव , डॉक्टर मनमोहन मित्तल सचिव स्टेट ब्लड कौन्सिल, डॉक्टर रवि प्रकाश शर्मा निदेशक ब्लड कौन्सिल व डॉक्टर वी डी बाजिया प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीडीके अस्पताल को अवमानना के नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।