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कायम डे पर कायमखानी सैनिक परिवारों का हुवा सम्मान
झुंझुनू, जनहित एकता समिति की ज़ानिब से कैप्टन ताज मो खां की कोटडी नुआ में जांबाज, बहादुर, वफादार एवं वतनपरस्त कॉम कायमखानीयो के संस्थापक दादा नवाब कायम खां के 603 वे यौमे-ए-शहादत दिवस “कायम डे” के रूप मुस्लिम सदर कैप्टन मकसूद खां की अध्यक्षता वशिष्ठ अतिथि मास्टर मुबारिक खां,आबिद खान,व्याख्याता अस्पाक खां, सलीक खां, हाजी यूनुस खां, रियासत खां की मौजूदगी में मनाते हुवे भारतीय सेना के कायमखानी सैनिकों व उनकी माताओ,पत्नियों को माला पहनाकर अथितियों द्वारा सम्मानित किया गया। कायम डे का आगाज़ तिलावते कुरान व दुआ से जामा मस्जिद ईमाम अब्बास अली ने किया,कायम डे सैनिक परिजनों के सम्मान समारोह में स्वागत भाषण देते हुवे सूबेदार रिसालदार मेजर हारून खां ने कायमखानियो की उत्पत्ति एवं इतिहास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के आयोजक जनहित एकता समिति अध्यक्ष जाकिर झुंझुनुवाला ने कहा कि कायमखानियो की उत्पत्ति ददरेवा(राजगढ़) चुरू में मोटेराव चौहान के पुत्र कर्मचन्द उर्फ दादा कायम खां ने इस्लाम धर्म अपनाया और हम उनकी औलाद कायमखानी कहलवाये,दादा कायम खां ने हमे वतनपरस्ती, वफादारी, बहादुरी विरासत में दी,देश सेवा का जज़्बा हम कायमखानियो के खून में हैं,भारत विभाजन के वक़्त हम कायमखानियो ने भारत को बाई चान्स नही बाई चॉइस चुना हैं,सेना में जाकर भारत की रक्षा करना हम कायमखानियो के लिए फख्र की बात हैं। झुंझुनुवाला ने कहा कि हमारे पुरखों की पहचान सभी कॉम को साथ लेकर उनकी हिफाज़त करने की हैं,कायमखानी किसी कॉम के साथ भेदभाव व नफ़रत नही करते देश मे साम्प्रदायिक सौहार्द सभी धर्मों का सम्मान करने का माहौल बनाते हैं,इस अवसर पर कायमखानियो सैनिकों की माताओ व पत्नियों का सम्मान करते हुवे जनहित एकता समिति सचिव अनिशा खान ने कहा कि हम कायमखानी औरते अपनी औलादो को कोख़ में ही देश प्रेम का पाठ पढ़ा देती हैं, कायमखानी महिलाओं को फख्र महसूस होता हैं कायमखानी सैनिक की बीबी, मां, बहन होने पर।दादा कायम खां डे की अध्यक्षता करते हुवे कैप्टन मकसूद खां ने कहा कि हम दादा कायम खां की नस्ल हैं और उनके बताये हुवे सच्चे रास्ते पर चलते हुवे वीरता के साथ देश की रक्षा करते हुवे विभिन्न युद्धों एवं सैन्य ऑपरेशनों में सैकड़ों की तादाद में शहीद हुवे है,वक्ता कप्तान अमीर हसन व सूबेदार अज़हर हुसैन ने बताया कि राजस्थान में सबसे ज्यादा वीर चक्र कायमखानियो के पास हैं कायमखानी शहीद कॉम व मुल्क का फ़ख्र हैं।कार्यक्रम का संचालन आरिफ खान ने किया,कायम डे पर समानित होने वाले सैनिक कप्तान हय्यात खां, अबरार खां, जंगशेर खान, इश्तियाक खान,वली मो खां, सूबेदार अनीश खान,महमूद खां, इकराम खां, चाँद खान,हवलदार मो हुसैन, अली शेर खां, मुनाफ खान,फ़रीद खां, ज़ाकिर मुन्ना, सबीर खां, रफ़ीक खान,फारूक खां, शौकत खां,सनिफ खां, अस्पाक खां,रिसालदार साले मोहम्मद,सलीम खान,शमसाद फौजी,इश्तियाक खां फौजी,अय्याज खां,फ़रियाद खां फौजी,आदि का स्वागत किया गया।समानित होने वाली सैनिकों की माताओ व पत्नियां रहमत बानो,कादर बानो,सईदा बानो, मनवर बानो, अख्तर बानो,आरिफ़ा,आसिफ़ा,मुमताज बानो, नज़मा,कीश्वर,मुसरत बानो,जाईदा बानो, नसरीन,सुपियार, अनिशा,समीम, रजिया,जमसीद, परवीन,साजिया,सलमा, मुख्तियार,मंजू,सकीला, चिड़िया बानो,न्यूम बानो, परवीन बानो को माला पहनाकर स्वागत किया गया।