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भागवत कथा :- कृष्ण रुक्मणी विवाह धूमधाम से मनाया

राजलदेसर, [शिव भगवान सोनी ] राजलदेसर बंडवा रोड़ पर स्थित पूर्णाराम ,बनवारीलाल गौड़ की बाड़ी में चल रही पीड़ित गौवंशो सेवार्थ सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा के आज छठवें दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का हुआ। भागवत कथा के व्यास पीठ पर कथावाचक बाल पंडित अक्षय अनंत गौड़ ने पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत, भागवत के पंच प्राण हैं, जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है। वह भव पार हो जाता है। उसे वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती हैं। महाराज ने कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना,उद्धव-गोपी संवाद, द्वारका की स्थापना, रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया। आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति आवश्यक हैं।भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी हैं। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। कथा के दौरान भक्तिमय संगीत ने श्रोताओं को आनंद से परिपूर्ण किया। उन्होंने कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को विस्तार से उपस्थित श्रद्धालुगणों समझाया । वहीं भक्तों के द्वारा गौसेवार्थ के लिए दिल खोलकर दान कर रहे हैं । वहीं रात को भी नानी बाई रो मायरो में भी काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित होकर कथा का श्रवण करते हैं । आज कथा के मुख्य यजमान रामेश्वर लाल , भगवान राम , हरिप्रसाद , अशोक सोनी ,कन्हैया लाल सोनी, रामकुमार प्रजापत ,केसर राम , श्रवण कुमार गौड़, राजेश प्रजापत ,शिवा ,श्याम भार्गव सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे ।

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