झुंझुनूं शहर से सटे देरवाला गांव में नगर परिषद की ओर से काइन हाउस लगाना प्रस्तावित है। लेकिन जब पहले काइन हाउस के साथ-साथ बायो वेस्ट तथा सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट को लगाने की बात थी। तब भी दो माह तक आंदोलन चला। लेकिन अब जब काइन हाउस बनाने की बात चली तो ग्रामीणों को आशंका है कि नगर परिषद ग्रामीणों को धोखे में रखकर प्लांट लगाने की भी तैयारी कर रही है। ऐसे में ग्रामीणों का विरोध शुरू हो गया है। गत दिनों कलेक्टर के वार्ता विफल होने के बाद रविवार को संघर्ष समिति भी सक्रिय हो गई। संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सुंडा गांव पहुंचे। जहां पर पहले तो ग्रामीणों ने सुंडा को कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष बनने पर स्वागत और सम्मान किया। सुंडा को साफा पहनाया गया और मालाएं पहनाई। इसके बाद सुंडा ने ग्रामीणों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि नगर परिषद और जिला प्रशासन प्लांट लगाने वाली कंपनी को फायदा पहुंचाना चाहते है। इसलिए लगातार काम शुरू करने का दबाव बनाया जा रहा है। जब वार्ता के लिए पहले पंचायत ने प्रशासन को पत्र लिखे तो कोई जवाब तक नहीं दिया। अब आनन फानन में काम शुरू करना चाहते है। उन्होंने कहा कि काइन हाउस, यानि कि गौशाला निर्माण में ग्रामीणों को कोई एतराज नहीं है। बल्कि सहयोग करना चाहते है। लेकिन लिखित रूप से ग्रामीणों को आश्वस्त किया जाए कि यहां पर केवल और केवल काइन हाउस का ही निर्माण शुरू किया जा रहा है। इस मौके पर सुरेश बेनीवाल, राजेंद्र बेनीवाल, राजेश बेनीवाल, महेश सैन, सरपंच प्रतिनिधि नरेशकुमार, इंद्रसिंह, राजवीर, ज्वालाप्रसाद, मालूसिंह नरूका, बजरंग धाबाई, रामनिवास बेनीवाल, सुभान, मुश्ताक अली, मुल्ला जी, धर्मपाल मोटसरा, बलबीर मोटसरा, रामदेव मेघवाल, सुमेर मेघवाल आदि मौजूद थे।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सुंडा ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि लिखित आश्वासन के बाद यदि नगर परिषद गांव में गौशाला का निर्माण करवाती है तो गांव के हर घर से एक युवा श्रमदान कर सहयोग करेगा। साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि इस गौशाला में केवल शहर का गौवंश ही रखा जाए। इससे भी बड़ी सोच उनकी है। इस गौशाला में जिले में कहीं से भी गौवंश रखा जाए। उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन किसी तरह की साजिश गांव के साथ नहीं रचने दिया जाएगा