झुंझुनू जिले के जाखोद गांव में शहीद मुंशी राम की मूर्ति अनावरण समारोह में सबसे पहले कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने गुरूवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए देश के सपूतों को दो मिनट का मौन रखखकर श्रदांजलि अर्पित की गई। राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने कहा कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। पाकिस्तान को आतंकवादियों के सहारे भारत में इस तरह की गतिविधियां नहीं करनी चाहिए। वे शुक्रवार को जिले के जाखोद गांव में शहीद मुंशीराम की मूर्ति अनावरण करने के बा वहां आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के जवानों ने सरहद की सीमा पर 24 घंटे विषम परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी को अंजाम देकर देश की रक्षा की हैं, और जब भी दुश्मन ने भारत की और आंख उठाई तो उसका मुंह तोड़ जवाब भी यहां के लाड़लों ने दिया हैं। भारतीय जवानों ने कभी भी पीठ पर गोली नहीं खाई हैं, ओर ना ही उन्होंने मां के दुध को लज्जित होने दिया है। हमें चाहिए कि ऎसे शहीदों को हम देवता के रूप में माने और पूजे जिन्होंने देश के खातिर अपने प्राणों का बलिदान दिया हैं। शहीद किसी जाति व धर्म का नहीं होता वह देश की धरोहर होता हैं। हमें शहीदों एवं उनके आश्रितों के मान एवं सम्मान मे ंकिसी तरह की कमी नहीं रखनी चाहिए।
सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनियां ने शहीद को नमन करते हुए कहां कि झुंझुनू जिले ने सेना में सवरधिक भागीदारी और शहादत देने में देश में नाम कमाया हैं, ओर यहां के जवानों में राष्ट्र भक्ति और देश प्रेम का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ हैं। वे सदैव मर मिटने के लिए तैयार रहते हैं, उन्होंने बाजौर द्वारा राज्य में शहीदों की लगवाई जा रही मूर्तियों को अनूठी पहल बताते हुए कहा कि यह अपने आपमें एक मिशाल हैं। समारोह को बुहाना की पूर्व प्रधान नीता यादव, कृष्ण कुमार जानू, जिला परिषद सदस्य सौमवीर लांबा और रतन सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा िंक झुंझुनू की वीर प्रसूता भूमि के लाड़लों की शहादत को देश कभी भुला नहीं पाएगा। इस दौरान शहीद के भाई रोहिताश सिंह, राजेन्द्र सिंह एवं बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। शहीद मुंशी सिंह 1962 के भारत पाक युद्व में शहीद हुए थे। समारोह में विनोद कुमार झाझड़िया, ग्राम सरपंच सहित आस-पास के जनप्रतिनिधि शहीद के परिजन और बड़ी संख्या में महिला पुरूष उपस्थित थे।