सिंघाना [कृष्ण कुमार गाँधी ] नवजात बच्चों के जात जड़ुलों के लिए प्रसिद्ध शेखावाटी का देवी माई मंदिर कुठानिया धाम में श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की भारी किल्लत चल रही है। आस पास पानी का कोई स्रोत नही होने के कारण ट्रस्ट को टैंकरों से पानी कि सप्लाई करनी पड़ती है। महंत सुमेर सिंह भाटी ने बताया कि भाद्रपद महीने में लगने वाली बड़ी जात व नवरात्रा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ट्रस्ट द्वारा जिला कलेक्टर से बोरवेल की अनुमति मांगी गई लेकिन अभी तक बोरवेल की अनुमति नही मिलने से पेयजल समस्या का कोई समाधान नही हुआ। पानी की किल्लत के चलते मंदिर के पास ही स्थित प्राचीन तालाब भी सुखा पड़ा है। मंदिर में देश के कोने कोने से श्रद्धालु अपने बच्चों को जात लगाने लेकर आते है लेकिन पेयजल किल्लत को देखते हुए श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ता है। महंत भाटी ने बताया कि अगर बोरवेल की स्वीकृति मिलती है तो श्रद्धालुओं को तो फायदा होगा ही साथ ही पहाड़ी क्षेत्र से आने वाले आवारा पशुओं के लिए भी पानी की सुविधा की जाएगी।
-आस पास के लोगों व आवारा पशुओं को भी होगा फायदा
इस क्षेत्र में भूजल स्तर गहराने से खेतों में बने कुएं भी सुख चुके है जिससे खेतों में रहने वाले परिवार व ढ़ाणी के लोग पेयजल के लिए तरस रहे है। अगर मंदिर परिसर में बोरवेल बन जाता है तो खेतों में रहने वाले लोगों की भी पेयजल किल्लत दूर हो जाएगी वहीं आवारा पशुओं को भी पानी की तलाश में नहीं भटकना पड़ेगा। मंदिर परिसर में एक प्राचीन तालाब व खेली बनी हुई जिसमें पानी रहने से आवारा पशु भी आराम से पानी पी सकेगें।