दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] दांता कस्बे के नटवरलाल कुमावत व लाडनूं में शिक्षिका के पद पर कार्यरत ललिता कुमावत का 16 वर्षीय पुत्र धीरज कुमावत कुमावत ने अपने प्रयोगधर्मिता के चलते ऑटोमेशन तकनीक पर आधारित सेंसर युक्त एक ऐसा सिस्टम डवलप किया है जो घरों में पानी, समय व श्रम तीनो को स्मार्ट तरीके से बचाने में कारगर साबित होगा। धीरज ने अपने पूरे मॉडल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब भी सप्लाई का नल में पानी आएगा तो स्वतः संसूचन के साथ मोटर ऑन हो जाएगी और जैसे भी जिस लेवल तक टंकी अथवा टैंक को भरना होगा भरते ही मोटर स्वतः ही बंद भी हो जाएगी। ऐसे में न तो पानी आने के समय का ध्यान रखने की चिंता रहेगी न ही मोटर को ऑन करने और भरने पर पानी बाहर न निकले उसकी फिक्र नही रहेगी। रोचक बात यह है कि धीरज ने अभी 12th कक्षा 81% के साथ इसी वर्ष पास की है और जयपुर के आर्या कॉलेज में बीटेक इन इलेक्ट्रीशियन & कम्युनिकेशन में प्रवेश लिया है, लेकिन इंजीनियरिग की पढ़ाई शुरू करने से पूर्व ही वो सॉफ्टवेयर कोडिंग और हार्डवेयर सेंसर विकसित करने में इतनी अच्छी पकड़ रखते है कि जब अपने द्वारा घर के कुलर लाइट मोटर आदि सभी को तकनीक आधारित संचालन के बारे में अपने अध्यापकों को बताया तो उन्होंने भी खुशी जाहिर की। धीरज ने बताया की गर्मी के मौसम में जब ममी को पानी स्टोर के लिए ऐसे परेशान होते देखा तो यह शुरुआत की और अब तो अपनी गली मोहल्ले में भी आधा दर्जन लोगो के घर यह लगा चुके है। ट्रांजिस्टर आदि ऑनलाइन पुणे से परचेज करते है बाकी सेंसर को कार्बन और ग्रेफाइट के जरिए खुद ही तैयार करते है पूर्व में लोहे को जंग व चांदी को काला पड़ने के चलते काम नही लिया गया। इतना ही नही धीरज 2019 में जयपुर में आयोजित योग महाकुंभ के दौरान भी शीर्ष पद्माश्न में आधे घंटे से अधिक रहकर विश्व कीर्तिमान भी कायम कर चुके है। धीरज ने बताया कि इन्होंने अपने अभिरुचि के चलते ऑनलाइन ही ये सब कुछ सीखने का प्रयास किया और वह निरंतर ऐसा ही कुछ करने में लगे रहते है।