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दो जनो की मृत्यु कारित करने वाले को दो वर्ष का कारावास

लापरवाही से जीप चलाकर

जिला एवं सेंशन न्यायाधीश झुंझुनूं अतुल कुमार सक्सेना द्वारा मंगलवार को दिये एक निर्णय में लापरवाही से जीप चलाकर दो जनो की मृत्यु कारित करने वाले तथा करीब सात से ज्यादा लोगो को घायल करने वाले चालक लक्ष्मीकांत उर्फ भादर पुत्र माघाराम जाट निवासी ढ़हर की ढ़ाणी तन बास नानग थाना सदर झुंझुनूं की अपील को खारिज करते हुये अधिनस्थ न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट झुंझुनूं के निर्णय दिनांक 19 दिसम्बर 2018 को समपुष्ट करते हुये चालक को दो वर्ष साधारण कारावास व दस हजार रूपये से दण्डित करते हुये उसे जेल भेज दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट झुंझुनूं ने 19 दिसम्बर 2018 को दिये निर्णय में चालक लक्ष्मीकांत उर्फ भादर को अन्य विभिन्न धाराओ क्रमश: धारा 279 में छह: माह का साधारण कारावास व एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा 337 में तीन माह का कारावास एवं पांच सौ रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 338 में एक वर्ष का साधारण कारावास तथा एक हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया था जिसे भी अपीलीय न्यायालय ने समपुष्ट कर दिया। मामले के अनुसार 11 नवम्बर 2008 को घायल घीसाराम ने बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में बयान दिया कि उस रोज सायं साढ़े चार बजे के करीब विनोद जांगिड़ की डीआई जीप आरजे में वह, रामावतार, राजेश, महावीर प्रसाद स्वामी, दयाराम, श्रीमती विमला, परसाराम, दानाराम व श्रीमती प्रेम ग्राम छावसरी के लिये झुंझुनूं से रिश्तेदारी में गये थे तथा छावसरी से सायं 6 बजे झुंझुनूं के लिये रवाना हुये तो सायं 7:30 बजे के लगभग उनकी जीप उदावास से निकलते ही झुंझुनूं की तरफ पहुँची तो झुंझुनूं की तरफ से एक कमांडर जीप का चालक इस जीप को तेज गति, लहराकर व लापरवाही से चलाता लाया व उनकी जीप के टक्कर मारी जिससे उनकी जीप का एक टायर निकल गया व उनकी जीप पलटी खा गयी जिससे जीप में बैठे सभी व्यक्तियों के चोटे आयी। जीप का चालक भादर था। उक्त कमांडर जीप में बैठी सवारियों के भी चोटे आई आदि। इस दुर्घटना में दो जनो की मृत्यु हो गयी। पुलिस ने मामला दर्ज कर बांद जांच लक्ष्मीकांत उर्फ भादर के विरूद्ध सम्बन्धित न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट झुंझुनूं के समक्ष आरोप पत्र पेश कर दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से इस मामले में 14 गवाहान के बयान करवाये गये थे। अधिनस्थ न्यायालय द्वारा इस मामले में पूर्व में 24 जनवरी 2018 को निर्णय दिया गया था जिससे व्यथित होकर की गयी अपील में अपीलीय न्यायालय द्वारा इस मामले में पुन: अधिनस्थ न्यायालय को अन्य गवाहान के बयान हेतु भेजा गया व उसके बाद एक चिकित्सक के और बयान लिये गये तत्पश्चात अधिनस्थ न्यायालय एसीजेएम झुंझुनंू द्वारा 19 दिसम्बर 2018 को उक्त अनुसार अपीलान्ट को सजा दी गयी। न्यायाधीन ने अपने निर्णय में लिखा कि अभियुक्त की तेज गति, गफलत व लापरवाही से दो व्यक्तियों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा जिसके कारण उनका परिवार अब सदैव के लिये उनके स्नेह, प्यार व आय से वंचित हो गया है तथा इस मामले मेें अन्य व्यक्तियों के भी गंभीर एवं साधारण चोटे आयी है। न्यायाधीश ने सभी मूल सजाएं साथ-साथ चलने का आदेश देते हुये पुलिस व न्यायिक अभिरक्षा में अपीलान्ट द्वारा व्यतीत की गयी अवधि को मूल सजा में समायोजित करने का भी आदेश दिया है।

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