विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर
चूरू, विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर राज्य स्तर पर जयपुर के स्वास्थ्य भवन में हुए रक्तदाता सम्मान समारोह में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने चूरू के लोहिया कॉलेज में भूगोल विषय के सह आचार्य डॉ हेमंत मंगल को सम्मानित किया। डॉ मंगल अपने जीवन में 80 बार रक्तदान कर चुके हैं। मंगल की ओर से उनके मित्र सुनील सांखला ने यह सम्मान ग्रहण किया। डॉ हेमंत मंगल ने बताया कि उन्होंने जीवन में पहली बार 1993-94 में रक्तदान किया था। उसके बाद पिताजी ने नियमित रक्तदान की प्रेरणा दी। तभी से यह सिलसिला जारी है। वे कहते हैं कि हर बार रक्तदान के बाद जो रूहानी खुशी मिलती है, वह अद्भुत होती है और उसका वर्णन मेरे लिए मुश्किल है। मंगल ने बताया कि हाल ही में 8 मई को उन्होंने डीबी जनरल अस्पताल में आयोजित शिविर में रक्तदान किया था, संयोग से उस दिन उनके विवाह की वर्षगांठ भी थी। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने के पीछे मेरी वजह शुद्ध मानसिक है। मुझे आनन्द आता है। साथ ही मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि जिन्दगी में कुछ ऎसे अवसर आए जब ड्राइविंग के दौरान हादसे और प्राणांत संभावित था, लेकिन कभी दिक्कत नहीं आई, यह भी मुझे रक्तदान के लिए प्रेरित करता है। डॉ मंगल ने बताया कि उनकी पत्नी विनीता मंगल और हर्षित मंगल भी रक्तदाता हैं। उन्होंने युवाओं से अनुरोध करते हुए कहा कि रक्तदान के प्रति अपनी हिचक दूर करें और नियमित रक्तदान करें। एक यूनिट रक्त तीनों लोगों के प्राण बचाता है, यह एक कारण ही रक्तदान के लिए पर्याप्त है। नवीन वैज्ञानिक तकोर्ं में यह पुष्टि हुई है कि नियमित रक्तदान के अनेक स्वास्थ्य लाभ भी हैं, सो हमें यह लाभ उठाना ही चाहिए।