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किसान प्राकृतिक खेती करें, इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा – शिक्षा मंत्री मदन दिलावर

खाटूश्यामजी में तीन दिवसीय सुभाष पालेकर कृषि प्रशिक्षण शिविर का किया शुभारंभ

सीकर, शिक्षा, संस्कृत शिक्षा एवं पंचायतीराज विभाग मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि किसान प्राकृतिक खेती करें, इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसान की आमदनी बढ़े और किसान के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें और किसानों के चेहरों पर मुस्कान बनी रहें। शिक्षा मंत्री दिलावर शुक्रवार को खाटूश्यामजी में स्थित वृंदावनधाम धर्मशाला में बजाज फाउण्डेशन के जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट की ओर से 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय डॉ.सुभाष पालेकर कृषि प्रशिक्षण शिविर का मुख्य अतिथि के रूप में शुभारंभ करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

  शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि किसानों के इस आवासीय प्रशिक्षण में देश भर के 13 राज्यों से करीब 1000 किसान भाग ले रहे है। उन्होंने कहा कि आधुनिक खेती करते-करते धरती माता का स्वास्थ्य खराब हो गया है अब गौ माता का गोबर—मूत्र ही धरती माता का स्वास्थ्य ठीक कर सकता है। उन्होंने गौ माता का सम्मान करने और उन्हें बुचड़ खाने तक नहीं जाने देने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि अगर गाय बचेगी तो देश बचेगा। पर्यावरण में प्लास्टिक को धरती माता का शत्रु कहा गया है, प्लास्टिक से पर्यावरण प्रदूषण होता है और गाय खाकर मर जाती है। उन्होंने सभी से प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाने पर जोर दिया।

शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि मेरे देश के किसानों के चेहरों पर मुस्कान बनी रहे तथा उनमें निराशा का भाव समाप्त हो तथा किसान की आमदनी बढ़े ताकि छोटे से छोटे किसान के घर में भी सभी व्यवस्थाएं हो और उनके बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके। उन्होंने बताया कि इसका केवल एक ही उपाय है कि किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं। प्राकृतिक खेती को जीरो बजट खेती भी कहा जाता है। उन्होंने उपस्थित किसानों से अपील की कि आप सभी प्राकृतिक खेती को अपनाकर उसे और आगे ले जाए।

शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि प्राकृतिक खेती गौ माता को भी जिंदा रखेगी साथ ही यह हमारी धरती माता जो प्रदूषित हो गई है, बीमार हो गई है उसको भी स्वस्थ रखने में कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि धरती माता का स्वास्थ्य ठीक करने के लिए हमारे पास एक ही उपाय है गौ माता का गोबर, मूत्र ही धरती माता का स्वास्थ्य ठीक कर सकता है।

इस अवसर पर कृषि अन्वेषक पद्मश्री डॉ. सुभाष पालेकर ने प्रशिक्षण में कहा कि कृषि का मूल सिद्धांत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। प्राकृतिक वायु, पानी तथा जमीन में सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए फसल या पेड़-पौधों के लिए किसी भी बाहरी रसायनिक खाद की आवश्यकता नहीं है। यह प्राकृतिक खेती विधि, मित्र कीट-पतंगों की संख्या में वृद्धि एवं अनुकूल वातावरण का निर्माण कर फसलों को शत्रु कीट-पतंगों एवं बीमारियों से सुरक्षित करती है। इस तरह किसी भी कीटनाशक या फफूंदनाशक की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। उन्होंने बच्चों को प्राथमिक शिक्षा मात्र भाषा में ही दिये जाने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि बच्चा मात्र भाषा में ही अपने ज्ञान का अर्जन करता है। उन्होंने बच्चों के दोपहर के भोजन में पोषण युक्त भोजन शामिल करने को कहा।

जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट के ट्रस्टी अपूर्व नयन बजाज ने फाउण्डेशन द्वारा किसानों के उत्थान के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के लिए तीन दिवसीय प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि सीकर वर्धा में 20 हजार 875 किसानों को बजाज ट्रस्ट ने सहायता दी है तथा 27 किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना के साथ ही 4 हजार 421 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है। हरिभाई मोर्य अध्यक्ष सीएसआर बजाज ट्रस्ट ने आगन्तुक अतिथियों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता डाईट सरोज लोयल ने किया।

इस अवसर पर स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर एवं जोधपुर के वाइस चांसलर डॉ. अरुण कुमार, डॉ. पुष्पास पाण्डे महाप्रबंधक नाबार्ड, राजीविका डीपीएम अर्चना मोर्य ,संयुक्त निदेशक कृषि रामनिवास पालीवाल, उद्यान शिवजीराज कटारिया, प्रभुसिंह गोगावास, प्रदीप कटारिया निदेशक प्रसार भारती, सीताराम गुप्ता सहित संभागी किसान, गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें।

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