झुंझुनूं, शाहपुर में दो महीने में एक ही परिवार के सगे दो फौजी भाइयों की मौत से गांव में हाहाकार मच गया। दो महीने पहले अखिलेश की हत्या कर दी गई थी। जिसमें पुलिस ने कुछ आरोपियो को गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन मामले में शेष बचे अन्य आरोपियो को सूरजगढ पुलिस द्वारा बचाने का आरोप लगाते हुए दो ओर आरोपियो को गिरफ्तार करने की मंाग को लेकर परिजन व ग्रामीण 21 जनवरी से कलेक्टे्रट पर धरने पर बैठ गये थें। 29 जनवरी को धरने पर बैठे लोगो के लिए खाना लाते वक्त मृतक अखिलेश के बडा भाई संदीप की भी सडक़ हादसे में मृत्यु हो गई थी। जबकि परिजन इसको भी सुनियोजित तरीके से हत्या बता रहे हैं। परिजनो ने संदीप का शव लेने इनकार कर दिया था ओर 30 जनवरी को कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट बंद कर धरने पर बैठ गये थें। लेकिन गुरूवार को पुलिस प्रशासन की समझाईस के बाद शुक्रवार को संदीप का पोस्टमार्टम हुआ। उसके बाद फौजी संदीप कुमार का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। शव के गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया । मां दयाकोर व पत्नी खुशी तथा बहिन बेहोश हो गई दो महीने में ही दो फौजी भाइयों की मौत के बाद अंतिम यात्रा में शामिल हर एक की आंखें नम थी सैनिकों ने सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी । गॉड ऑफ ऑनर व मातमी धुन बजाकर हवाई फायर करके अंतिम विदाई दी । एडीएम राजेंद्र गुप्ता, एसडीएम राधिका देवी, डीएसपी राम प्रकाश मीणा, थानाधिकारी सत्यपाल याद, विधायक सुभाष पूनिया, गाडा खेड़ा पूर्व सरपंच ठाकुर सिंह, पूर्व पंचायत समिति सदस्य विजेंद्र भास्कर विकास भालोठिया सहित सैकड़ों ग्रामीण अंतिम संस्कार में शामिल रहे ।
-पुलिस पहले कार्रवाई कर देती तो नहीं आती यह नौबत – अंतिम संस्कार में शामिल ग्रामीण गमगीन तो थे साथ ही उनमें पुलिस के खिलाफ आक्रोश भी था। दिल्ली पुलिस के एसीपी महेश ठोलिया ने बताया की झुंझुनंू जिला फौजियों का जिला है इसी में दो फौजी वह भी सगे भाई उनकी हत्या कर दी जाती है और पुलिस कार्रवाई नहीं करती 2 महीने पहले एक भाई अखिलेश की हत्या कर दी जाती है उसी की हत्या के आरोप में पुलिस ने कानून की धाराएं सही नहीं लगाई गई, अगर उस समय पुलिस सही कार्रवाई कर देती तो संदीप कुमार मौत का ग्रास नहीं बनता। संदीप की सवा 2 महीने पहले ही झुंझुनूं के खाजपुर नया की खुशी के साथ शादी हुई थी उसकी अभी मेहंदी भी नहीं सुखी थी कि वह विधवा हो गई।
-10 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो फिर होगा आंदोलन – दो सगे फौजियों भाईयों की हत्या के मामले में परिजनों व रिश्तेदारों का कहना है प्रशासन व पुलिस ने 10 दिन का समय दिया है अगर 10 दिन में सूरजगढ़ थानाधिकारी कमलेश कुमार पर कार्रवाई व आरोपियो की गिरफ़्तारी नहीं होती है तो दोबारा आंदोलन किया जाएगा।