चूरू, चूरू स्थित आपणी पाठशाला राजस्थान पुलिस में कार्यरत सिपाही धर्मवीर जाखड़ की सेवा भावना से उपजा एक संकल्प है जिसे एक मुहिम के तौर पर मुस्कान संस्थान ने आगे बढ़ाया व कई समाजसेवकों भामाशाहों व कार्यकर्ताओं ने अपना सहयोग दिया। देश के अलग अलग भागों से झुग्गियों में रहने वाले, भिक्षावृत्ति व बालश्रम में लिप्त अनाथ बेसहारा बच्चों को झुग्गी झोपड़ियों में ही केवल जनसहयोग से पिछले 7 सालों सें निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको योग्य नागरिक बनाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य करने वाली यह पाठशाला आज गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में प्रातः 10 बजे ऐतिहासिक शिलान्यास कार्यक्रम शिक्षाविद डॉ निर्मल गहलोत फाउंडर उत्कर्ष क्लासेज़, जोधपुर व उपप्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ व भामाशाहों के हाथों हुआ। मुस्कान संस्थान द्वारा संचालित इस संस्था का उद्देश्य है कि धीरे धीरे एक ऐसा राष्ट्रीय केन्द्र बनें जो अभावग्रस्त, वंचित, गरीब व बेसहारा बच्चों के लिए एक वरदान साबित हो। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में उपप्रतिपक्ष नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ व उत्कर्ष क्लासेज के फाउंडर डॉ निर्मल गहलोत सूरत टीम अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत 23 मार्च की भगतसिंह राजगुरु व सुखदेव की शहादत का स्मरण करते हुए की गई।शहीद दिवस के अवसर पर नन्हें बच्चों की ओर से राष्ट्रज्ञान प्रस्तुत किया गया। आगे की कड़ी में आये हुए अतिथियों का माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। कार्यकम में अपने उद्धबोधन में उपप्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि चूरू की धरा पर यह प्रयास वास्तव में चूरू को गौरान्वित करने वाला है, इस यज्ञ में बढ चढ़कर सभी को आहुति देनी चाहिए ताकि इस स्कूल भवन का जल्द निर्माण कर वंचित बच्चों को अधिक से अधिक जोड़ा जा सके। अपने उद्बोधन के दौरान राठौड़ ने अपने विधायक कोष से 11 लाख रुपये के सहयोग की घोषणा की तथा आगे भी इस सहयोग को लगातार बनाये रखने की अपनी मंशा जाहिर की। चूरू में पहली बार आ रहे जोधपुर उत्कर्ष क्लासेज के संस्थापक डॉ निर्मल गहलोत ने चूरू के प्रति अपनत्व भाव दिखाया और अपने शब्दों के माध्यम से इस पुनीत कार्य मे हर सम्भव सहयोग करने की अपील की। डॉ गहलोत ने पूर्व में भी शिक्षा के केंद्र आपणी पाठशाला की संस्था में 11 लाख का आर्थिक सहयोग किया था। आज शिलान्यास कार्यक्रम में फिर से 21 लाख रुपये की घोषणा फिर से देने की घोषणा की।
भामाशाह डॉ निर्मल गहलोत ने शेखावाटी क्षेत्र की अन्य सेवाभावी संस्थाओं को भी दिया आर्थिक सहयोग
इस अवसर पर बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित दो अन्य संस्थाओं के लिए भी आर्थिक सहयोग करते हुए
5 लाख डॉ निर्मल गहलोत द्वारा दिव्यांग बच्चों की स्कूल मधुर स्पेशल प्रशिक्षण संस्थान को भी भेंट किये और 5 लाख सीकर में ऐसे ही वंचित घुमंतू बच्चों की शिक्षा पर काम कर रहे शैतान कविया के करणी विकास स्कूल को भी भेंट किये।
कई गणमान्य नागरिक रहे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित
कार्यकम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर हरलाल सहारन, श्रवण जी रेवाड़, धनपत गोदारा, गुरुदत्त ढाका, कवि विनोद स्वामी, कुमार अजय, मुकेश पंचौली, हनुमाना राम इशराण, रवि सुथार, पाण्डु गैंग रतनगढ़, श्रवण गड़ाना, नरेंद्र भारतीय, शैतान सिंह कविया, अंजु नेहरा, आशुतोष शर्मा, शैतान सिंह, प्रिंस रेबीज संस्थान, रेणुका सोलंकी, अभिलाषा रणवा, उम्मेद सिंह जाखड़, अधिवक्ता गोवर्धन सिंह व अन्य कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कई भामाशाहों व समाज सेवकों ने भी किया आर्थिक सहयोग
इस पाठशाला के निर्माण के लिए उत्कर्ष क्लासेज के फाउंडर डॉ निर्मल गहलोत ने 21 लाख, विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने विधायक कोटे से 11 लाख का सहयोग किया। सूरत से पहुँचे पुसाराम गोदारा, शिवचंद, अशोक, मदनलाल, रामस्वरूप, रामप्रताप, केसरदास में से प्रत्येक ने 5 कमरे निर्माण की घोषणा की। कुमार गौरव सर ने 1 लाख का, नर्सिंग क्लासेज टीम उत्कर्ष ने 51000 का, सुभाष चारण सर गुरुकुल कोचिंग ने 51000 का, गुरुदत्त सिंह ढाका ने 5 लाख,जगदीश जी खड़कड ने साढ़े 5 लाख,नाथूराम जी बिजारणियां ने 2 लाख 11 हज़ार, मालाराम जी खोजा 2 लाख 51 हज़ार, अभिलाषा रणवा 1 लाख, श्रवण रेवाड़ 1 लाख 51 हज़ार, मुकेश पंचौली 11 हज़ार प्रतिमाह, विजयराज गुर्जर 200 सीमेंट बैग्स, डूंगरमल बोरिंग खुदवाने का सहयोग, हीरालाल गोदारा ने 1 लाख का सहयोग दिया व तनसुख सर, नीतू मैम कैंडी कैंपस व अन्य अनेक भामाशाहों का सहयोग भी आर्थिक सहयोग रहा। कार्यक्रम में आपणी पाठशाला के बच्चों की ओर से मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गयी। कार्यक्रम के दौरान कई भामाशाहों ने मौके पर ही नगद व चेक के माध्यम से संस्थान को आर्थिक सहयोग किया। इस मौके पर मुस्कान संस्थान चूरू के समस्त पदाधिकारियों ने सभी आगन्तुकों का आभार जताया। आये हुए सभी अतिथियों का माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन अनुराग शर्मा ने किया।