कस्बे के रतनपुरा में
श्रीमाधोपुर, कस्बे के रतनपुरा में गैंगरेप के मामले ने गुरूवार को तूल पकड़ लिया और पीडि़ता के समर्थन में विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग आगे आए और पीडि़ता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सडक़ों पर उतर गए। सामाजिक कार्यकर्ता गिरीराज, श्योदान वर्मा, संजू वर्मा के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग हाथों में तख्तियां तथा नारेबाजी करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे और एसडीएम कार्यालय के सामने पड़ाव डालकर सडक़ पर टायर जला दिए। जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई तो वहीं जाम लग गया। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग टायर जलाकर पुलिस प्रशासन तथा वर्तमान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं प्रदर्शन की सूचना के बावजूद भी मौके पर पुलिस का एक भी अधिकारी एवं जवान एक घंटे तक नहीं पहुंचा। पुलिस के अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने के बाद एसडीएम कार्यालय के सामने आक्रोशित लोग धरने पर बैठ गए। आक्रोशित लोग पीडि़ता को न्याय दिलाने, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, दरिंदों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की। विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग गिरीराज के नेतृत्व में एसडीएम कार्यालय के सामने टायर जलाकर दरिंदों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। वहीं प्रदर्शन की सूचना के बाद मौके पर करीब 1 घंटे लेट जवानों के साथ थानाधिकारी राजेंद्र यादव पहुंचे और आते ही वर्दी का रौब दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को फटकार लगाकर उन्हें खदेडऩे की कोशिश की और अन्य जवानों से प्रदर्शनकारियों के द्वारा जलाए गए टायरों पर पानी डालकर बुझाया। वहीं पुलिस द्वारा रौब दिखाने के बाद प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए और थानाधिकारी राजेंद्र यादव के साथ हल्की नोकझोंक भी हो गई करीब 20 मिनट की समझाईश के बाद प्रदर्शनकारी माने और एसडीएम के समक्ष राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन पुलिस की मौजूदगी में सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने दरिंदों को फांसी देने के मामले में पीडि़त परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस मामले में कार्रवाई तो कर नहीं रही है बल्कि किसी ना किसी बहाने से मामले में ढि़लाई दे रही है। करीब 10 दिन का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी पीडि़ता के साथ किए गए गैंगरेप के मामले में दरिंदों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। बल्कि परिजनों को ही बार-बार थाने के चक्कर लगाने को मजबूर कर रही है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस के किसी भी प्रकार की तानाशाही को नहीं चलने दिया जाएगा अगर पुलिस ने 2 दिन में दरिंदों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की तो मजबूरन लोगों को सडक़ों पर आना पड़ेगा और जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।