चुरूताजा खबर

गरीब परिवार की बेटी का पुर्नविवाह करवाया

आपणी पाठशाला की टीम ने

चूरू, सामाजिक सरोकारों में अग्रणी भूमिका निभाने वाली आपणी पाठशाला की टीम ने आज फिर से झुग्गि झोपड़ियों में रहने वाली व स्वंय मजदूरी कर अपना पेट पालने वाली गरीब परिवार की बेटी किरण का पूर्न विवाह करवाकर समाज में नया नवाचार किया है। मुस्कान संस्थान चूरू के सचिव दिनेश कुमार सैनी ने बताया कि चूरू में ही संस्थान के अन्तर्गत संचालित आपणी पाठशाला चूरू की टीम़ के पास कच्ची बस्ती में रहने वाली किरण अपनी ही शादी में सहयोग की गुहार लेकर आई। संस्थान ने परिवार की यथास्थिति जानकर बेटी को मदद करने का आश्वासन दिया। उक्त बात मुस्कान संस्थान के सचिव व अन्य पदाधिकारियों को पता चली और योजना बनाकर इस परिवार की मदद करने की सोची। इस पर संस्थान के पदाधिकारियों ने उक्त परिवार की स्थिति जानी जिसमें अपने बुढ़े मां-बाप का भी पेट यहीं बेटी मजदूरी करके पाल रही है और वास्तव में परिवार की हालात बदतर है लेकिन सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार बेटियों का विवाह होना तय हैं ऐसे समय में संस्थान ने अपने स्वयं के खर्च पर बेटी के पुनः विवाह पर उपहार स्वरूप जरूरत की सामग्री जिसमें खाने-पिने का सामान, कपड़े, संदुक, कुलर, बर्तन और पाजेब व नोजपीन खरीद कर आज झुग्ग्यिों में जाकर भेंट किया। इस मौके पर स्कुल व्याख्याता मुकेश शर्मा निवासी कोटवाद नाथोतान, हाल निवासी नौरंग नगर ने भी अपने दादाजी के मृत्यु के उपरान्त मृत्यु भोज की सामाजिक बुराई का त्याग कर इस गरीब बेटी के विवाह में ग्यारह हजार रूपये का सहयोग व राजेन्द्र कस्वां निवासी मोतीसर ने परिवार सहित पहुंच कर इस परिवार के लिए 5100 रूपये नगद व बेटी को उपहार स्वरूप साड़ी दी। सोशल मीडिया पर भी जब बेटी की बात को रखा गया तो संस्थान से जूड़े कई साथियों ने मदद की और इस बेटी के विवाह वास्ते धनराशि एकत्रित कर उपहार के रूप में शादी का समस्त साजो सामान उपलब्ध करवाने में बड़ी भूमिका निभाई। इस सामाजिक सरोकार में कुल 30 हजार रूपये की राशि का सामान दिलवाकर बेटी को आषीर्वाद स्वरूप खर्च की। इस मोके पर मुस्कान संस्थान चूरू से दिने श सैनी, सुनित गुर्जर, ओमप्रकाश भुकल, आसीफ खान, श्रवण रेवाड़, पारीक, ओमप्रकाश फरडोलिया, राजेराम कस्वा, सलीम खान, कृष्ण पूनिया, टेकचंद सिहाग रमेश बेनीवाल, भाईचारा फाउण्डेशन गु्रप, ओमप्रकाश मण्डा सहित कई साथी जिन्होंने इस सामाजिक सरोकर से जूड़कर बेटी की शादी को यादगार बनाया।

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