सिंघाना [हर्ष स्वामी ] बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को लेकर पूरे भारत में प्रथम स्थान रखने वाले झुंझुनूं जिले में बेटा-बेटी एक समान की परंपरा को कायम रखते हुए सिंघाना उपतहसील के घरडाना खुर्द गांव में बेटी को घोड़ी पर बिठाकर बिंदोरी निकाली गई। जानकारी के अनुसार बिना भाईयो की घरडाना खुर्द की बेटी शारदा देवी जो चंडीगढ़ रहती है। मां का देहांत होने के बाद पिता देवकरण राव अकेले हो गए। तब शारदा ने अपनी छोटी बहन अलका को भाई की तरह अपने पास चंडीगढ़ में रखकर पढ़ाया। शारदा देवी के पति होशियार सिंह ने अपनी साली को बेटी की तरह रखा, उसे इलेक्ट्रॉनिक्स मे बीटेक करवाया और अलका को इतना काबिल बनाया कि जीजा जी के कारोबार में हाथ बटाती है। उसका रिश्ता भी बराबर के बिजनेसमैन घन्डावा के रहने वाले हाल आबाद चंडीगढ़ के रोहिताश कोठारी के लड़के हर्षवर्धन के साथ किया। अब राव परिवार ने अलका की शादी बिना दहेज व बिना आडम्बर के करके एक मिसाल पेश कर रहे है। शुक्रवार को घरडाना खुर्द में लाडो अलका की बनौरी बेटे की तरह घोड़ी पर बैठा कर डीजे के साथ निकालकर झुंझुनू जिले की परंपरा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को बढ़ाया है। अलका के जीजा जी होशियार सिंह ने बताया यह रिश्ता जब किया उसी समय कोठारी परिवार ने तय कर लिया था कि शादी बिना दहेज के एक रूपया व नारियल मे शादी होगी तथा आशीर्वाद में भी किसी से कोई शगुन नहीं लिया जाएगा। इस तरह से यह शादी आडंबर व दहेज जैसी रूढ़ीवादी परंपरा को खत्म करने का भी एक संदेश है। बनौरी में अमरचंद राव, हरदयाल राव, भीम सिंह राव, रामनिवास राव, रामस्वरूप राव, सत्यपाल राव, उम्मेद राव, विजय राव सहित परिवार की महिलाएं व ग्रामीण मौजूद रहे।