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पीआरओ/एपीआरओ भर्ती संघर्ष समिति की वर्चुवल मिटिंग आयोजित

प्रदेश में पत्रकारिता के छात्रों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया करवानें, पीआरओ/एपीआरओ भर्ती समेत विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा

अजीतगढ़, [विमल इंदौरिया] पीआरओ/एपीआरओ भर्ती संघर्ष समिति की वर्चुवल मिटिंग रविवार को संयोजक चैतन्य मीणा के निर्देशन में हुई, जिसमें सुशील चौधरी मुख्य मार्गदर्शन वक्ता रहे। मिटिंग में प्रदेश में पत्रकारिता के छात्रों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया करवानें, पीआरओ/एपीआरओ भर्ती समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। मिटिंग में संयोजक मीणा ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में सरकार ने भर्ती निकालकर राहत देने का कार्य कर रही हैं, लेकिन पत्रकारिता विषय में डिग्री, डिप्लोमा के विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान नही कर रही हैं। ऐसे में पीआरओ/एपीआरओ के पद पर शीघ्र भर्ती निकालकर राहत प्रदान करें। मुख्य मार्गदर्शन वक्ता सुशील चौधरी ने बताया कि सरकार ने पत्रकारिता के लिए काॅलेज/विश्वविद्यालयों की स्थापना कर दी हैं, लेकिन इन विद्यार्थियों के रोजगार के अवसर सृजन करने में रूचि नही दिखा रही हैं। जिसके कारण आज पत्रकारिता के विद्यार्थी बेरोजगार हो रहे हैं। राजेश मीणा, कृपाल रैया, रिजवान खान अलवर ने कहा कि पत्रकारिता के बेरोजगार युवाओं को एक क्रमबद्व आंदोलन की रूपरेखा तय करके एकजुटता दिखानी होगी। हंसराज मौर्य, कमलकांत भाटी, सुरभि पनगवाल, श्रवण कुमार गौड ने बताया कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों की मांग किसी भी माध्यम से प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत तक पहुंचाने की योजना बनाकर कार्य करना चाहिए। इस मिटिंग में कमल कुमार, युगधारा, बिनौता पत्रिका, महेश मौर्य, सुशील वर्मा, सहदेव जाखड समेत अनेक प्रतिभागियों ने विचार व्यक्त किए।

एक घंटे की गूगल मीट में यह हुआ निर्णयः-

पीआरओ/एपीआरओ भर्ती संघर्ष समिति की वर्चुवल मिटिंग करीबन एक घंटे चली, जिसमें शामिल साथियों ने प्रदेश में नई भत्र्ती के लिए सरकार से मांग पत्र पर चर्चा करके निर्णय किया कि – प्रदेशभर की प्रत्येक तहसील में एपीआओ एक पद, समस्त विभागों के जिला मुख्यालयों पर एक-एक पीआरओ पद, प्रदेश में हाल ही नवगठित जिलों में पीआरओ पद, प्रदेश की नगरपालिका, नगरपरिषदों में एक-एक पीआरओ, प्रत्येक जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक-एक एपीआरओ पद, इसके साथ ही वर्षों पूर्व तक संचालित पद योजना प्रत्येक जिले में एक पीआरओ व चार एपीआरओ के पदों को पुनः संचालित किए जाए। इसके अलावा सरकार को विभिन्न विभाग, कार्यालयों में पीआरओ/एपीआरओ के पदों का नव सृजन किए जावें। जिससे एक ओर पत्रकारिता के विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मिलेगंे। दूसरी ओर सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार होगा।

आगामी लक्ष्यः-

पीआरओ/एपीआरओ भर्ती संघर्ष समिति की वर्चुवल मिटिंग में शामिल साथियों ने एकजुटता से निर्णय करके लक्ष्य निर्धारित किया कि जल्द ही अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की रूपरेखा बनाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक मांग पत्र देकर भर्ती शीघ्र करवानें के लिए लामबद्व होगें।

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