शिमला[अनिल शर्मा ] शून्य नांमाकंन बताकर अक्टुबर 2017 मे राज्य सरकार ने राजकीय उच्च प्राथमिक विधालय ईलाखर को बन्द कर दिया था। ग्रामीणों ने इसको पुन: चालू करवाने हेतु उच्चाधिकारियों से पत्र व्यवहार किया लेकिन उन्होने इस तरफ कोई ध्यान नही दिया। विवश होकर ग्रामीणों ने सत्र के प्रथम दिन ही ग्राम के घर घर सम्पर्क कर पढने वाले 80 बालकों को तैयार किया। तथा उनको लेकर वो पिछले 28 दिन से लगातार स्कूल के गेट के बाहर धरना दे रहे हें। बच्चों की पढाई खराब न हो। इसके लिए ग्रामीणों ने युवाओं की मदद ली है। तथा युवा भवन के दरवाजे पर ही अलग अलग विषय पढाते हें। धरने के 16 दिन बाद बीईईओ रूपेन्द्रसिहं शेखावत के निर्देश पर किशनपुरा स्कूल के प्रधानाचार्य अशोक शर्मा आये थे। तथा उन्होने इसकी रिपोर्ट प्रेषित कर दी थी। लेकिन 13 दिन बाद भी किसी ने इस तरफ ध्यान नही दिया। तथा सरकार ग्रामीणों की घोर उपेक्षा कर रही है। युवा कार्यकर्ता सरजीत स्वामी ने बताया कि ग्रामीण 28 दिन से धरने पर हैं। धरने पर ओमप्रकाश भालोठिया, सुभाषचन्द, कर्णसिहं, रणजीतसिहं मान, प्रताप, दलीप, नसीर, जगदीश स्वामी, भगवानाराम, फूलचन्द, रघुवीर स्वामी, श्रीचन्द, बंशीलाल, अमरदीप, रोहिताश आदि बैठे है। ग्राम के युवा राजेश, सरजीत स्वामी, रोहिताश, अमरदीप आदि नि:शुल्क रोजाना बच्चों को पढा रहे हें। विधालय को पुन: चालू करवाने हेतु पूर्व उर्जा मंत्री डाँ जितेन्द्र सिहं ने भी शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव को पत्र लिखा है। तथा टेलीफोन भी किया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि तीन दिन मे विधालय को पुन: चालू नही किया गया तो ग्रामीण उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पर धरना देंगे। तथा टीबाबसई खेतडी मार्ग को भी जाम करेंगे। इसकी सूचना जिला कलेक्टर तथा उपखण्ड अधिकारी खेतडी को दे दी हे।