खेतड़ी [हर्ष स्वामी ] खेतड़ी की लाइफ लाइन कही जाने वाली कुंभाराम नहर का पानी ढाणियों व गांवों में नही पहुंच पाने के कारण लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। परेशान ग्रामीण अब विरोध पर उतर आए है। अब चुनावों में नेताओं की नही जनता की चलेगी इसी बात को लेकर पेयजल की समस्या का सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है। वोटो के लिए गांवों में दौरा करने वाले नेताओं के लिए पेयजल की समस्या का मुद्दे पर महिलाओं के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। पिछले दो दिनों में दो गांवों के लोगों ने पेयजल की समस्या को लेकर विरोध किया है। इसी पेयजल की समस्या को लेकर रविवार को बगडिया की ढाणी के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर अनिश्चित काल के लिए अनशन करने की चेतावनी भी दे डाली है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले चार-पांच साल से पेयजल की समस्या से जुझ रहे है। समस्या को लेकर नेताओं व अधिकारियों के कई दफा चक्कर लगा चुके है, लेकिन समस्या का समाधा होना तो दूर की बात केवल आश्वासन से ही काम चलाया जा रहा है। वार्ड 17 बगडिया की ढाणी के लोगों ने बताया कि पूर्व जलदाय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के कार्यकाल के दौरान एक टयूबवैल बनाया गया जो आज दो साल से बंद पड़ा है। टयूबवैल को चालु करवाने को लेकर अधिकरियों को अवगत भी कराया गया, लेकिन अधिकारियों ने समस्या को अनसुना कर दिया, जो आज ग्रामीणों के सामने विकराल रूप धारण हो रहा है। वार्ड पंच गुलाब देवी के नेतृत्व में सैकड़ो महिलाओं व पुरूषों ने पेयजल की समस्या को लेकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने सात दिन में समस्या का समाधान नही होने पर एक नवंबर को उपखंड कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन तथा इसके बाद जिला मुख्यालय पर अनिश्चित काल के लिए अनशन करने की चेतावनी दी है। इस दौरान विरोध करने वालों में अनिता देवी, माया देवी, संगीता देवी, अंजू सैनी, पुजा सैनी, सुनिता देवी, ललिता देवी, मंजू, निशा, सुमित्रा, प्रेमलता, संतरा देवी, लाली देवी, मनोहरी देवी, कोयली देवी, गुलाब देवी वार्ड पंच, जगनराम, कमलचंद सैनी, राकेश, चौथमल, मोहरसिंह, बीरबलराम, रूड़ाराम, रामकुमार सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।