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इस्लामपुर का अनूठा उदारहण – बोझ नही है लाडो, बेटी है सभी की सामाजिक जिम्मेदारी।

आज समाज में बेटियों के प्रति सोच में तेजी से परिवर्तन आ रहा है। कही पर उसे घोड़ी पर बिठाकर बिंदोरी निकाली जाती है। वही अब उनको बोझ नहीं समझा जा रहा है। बेटी को एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में प्रस्तुत करने का एक उदहारण कस्बे के राजकीय बालिका विद्यालय में देखने को मिला है। कस्बे के सेठ रामकुमार सोमानी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के स्टाफ द्वारा बेटी के सम्मान में एक और नवाचार का उदाहरण देखने को मिला है । विद्यालय की जरूरतमंद पूर्व छात्रा मोनिका शर्मा पुत्री प्रदीप कुमार शर्मा की शादी के शुभ अवसर पर प्रधानाचार्या श्रीमती सुमित्रा झाझड़िया के साथ मिलकर विद्यालय स्टाफ ने 21000 रुपय की राशि कन्यादान स्वरुप भेंट की है। साथ ही 14 साड़ियां,एक सुहागिन किट,एक घड़ी,एक सूटकेस,एक होटकेस,5 बर्तन व एक टप सैट सामान के रूप में उनके घर जाकर भेंट किया। सभी को विदित हो कि शर्मा दम्पत्ति के पांच बेटियां हैं। आमदनी का कोई विशेष जरिया भी नहीं है। फिर भी सभी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने का इनका प्रयास बहुत सराहनीय है ।इनकी दो बेटियां वर्तमान में बालिका विद्यालय इस्लामपुर में अध्ययनरत हैं। प्रधानाचार्या सुमित्रा झाझड़िया भामाशाहों के सहयोग से इनके शुल्क व गणवेश की व्यवस्था करवा कर इनकी शिक्षा में सहयोग करती हैं। प्रधानाचार्या सुमित्रा झाझड़िया बेटी बचाओ तथा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को लागू करने में अपनी विशिष्ट पहचान रखती है इसबार उनके सामाजिक सरोकार व बेटियों के प्रति उनकी सोच के चलते समस्त स्कूल स्टाफ बेटी की शादी के इस पुनीत कार्य में सहयोग करने के लिए सहर्ष ही तैयार हो गया और देखते ही देखते अच्छा खासा सहयोग एकत्रित हो गया। अच्छे लोग अच्छी सौच को सलाम ।

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