कस्बें के आस पास के क्षेत्र मे कोई अभाव ग्रस्त व्यक्ति को आर्थिक सहायता देने का काम हो चाहे किसी सार्वजनिक स्थान पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य हो धनाभाव के कारण वो नही रूकता है। इस्लामपुर के प्रवासी भामाशाह रतनलाल चौधरी तक यह बात पहुचती है। तो वे सहर्ष ही तैयार हो जाते है। इस गांव के लक्ष्मी पुत्र भामाशाह रतनलाल चौधरी और इन अभावग्रस्त लोगों के बीच कडी का काम करते है। प्रेरक व समाज सेवी रामनिास चौधरी। जिनका पूरा समय इस बात मे गुजरता है कि किसी भी संस्था या व्यक्ति के सामाजिक क्षेत्र से जुडे सार्वनिक काम पैसे की कमी के कारण नही रूके। इनके द्वारा कस्बें मे विभिन्न प्रकार के विकास कार्य करवाने की फेहरिस्त तो बहुत लम्बी है। यहा हम आपको बानगी देगे उन कार्यो की जो वर्तमान मे लाखो रूपये खर्च करके इनके द्वारा करवाये जा रहे है। गांव की बेटियों को सरकारी स्कूल मे किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए बालिका विद्यालय मे एक हजार फुट वर्ग मे एक लाख रूप्ये का खर्च कर टिन शैड का निर्माण करवाया जा रहा है। बोयज के सरकारी विद्यालय मे खिडकियों के ग्रील नही होने के कारण किसी प्रकार का हादसा न हो व सुरक्षा के लिए लगभग पचास हजार रूप्ये खर्च कर ग्रील लगवाने का कार्य जारी है। कस्बें के पशु चिकित्सालय मे पानी की टंकी व होद के सम्बंधित कार्य मे साठ हजार रूप्ये की सहायता दे चुके है। बगीची स्थित मन्दिर मे फर्श व टाईल लगाने हेतु एक लाख दस हजार रूप्ये दे चूके है। पावर हाउस मे स्थित मन्दिर मे एक लाख साठ हजार रूप्ये इन्टरलोक लगवाने के लिए दिए गए है। इसके साथ ही ढहर के राजकीय स्कूल मे इनके द्वारा पंखो की व्यवस्था भी की गयी है। ये तो भामाशाह रतनलाल चौधरी द्वारा करवाये जा रहे वो कार्य है जो वर्तमान मे जारी है। ये क्षेत्र के ऐसे भामाशाह है। जिनके परोपकार के कार्य बारह महिने के हर मौषम मे जारी रहते है।