इस्लामपुर कस्बे में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक भागवताचार्य राधेश्याम शास्त्री ने वाचन करते हुए कहा कि अहंकारी के लिए भगवत दर्शन असंभव है। समर्पण से ही भगवान को साधा जा सकता है। जब द्रौपदी ने पूर्ण समर्पण के साथ श्रीहरि को याद किया तो चीर बढ़ता गया, द्रौपदी की लाज रखी। श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के संदर्भ में बोलते हुए कहा कि हम अपने बच्चों को जन्म दिवस पर मोमबत्तियां बुझाते हैं हमें घी के दीपक जलाने चाहिए। आज की कथा में पूतना वध, शक्तासुर, धेनुकासुर वध, श्री कृष्ण का गोकुल से वृंदावन आगमन, नटखट बाल लीलाओं के वर्णन के साथ भजनों से श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। आज शनिवार को कृष्ण जन्मोत्सव पर छप्पन भोग का प्रसाद व झांकी का विशेष आयोजन किया गया। कथा में जिले के विभिन्न स्थानों से आये आम और खास लोग कथा श्रवण कर पुण्य लाभ कमा रहे है। गौरतलब है कि 27 नवंबर मंगलवार से बड़े मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकालकर कथा का शुभारम्भ किया गया था। 4 दिसम्बर को हवन और प्रसाद वितरण के साथ कथा का समापन होगा।