श्रमिक काम के अभाव में नहीं जाए दूसरी जगहों पर
झुंझुनू, जिला कलक्टर उमर दीन खान ने कहा है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रदेश में प्रभावी लॉक डाउन के तहत जो आर्थिक गतिविधियां बदं हो गई थी। उन्हें अब पुनः प्रारम्भ कर दिया गया है, ताकि श्रमिकों को रोजगार मिल सके और आर्थिक गतिविधियों का भी सुचारू रूप से संचालन हो सकेंं। वे आज सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आर्थिक गतिविधियों के संबंध में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। जिला कलक्टर ने जिले में रह रहे तथा लॉक डाउन के दौरान जिले में फस चुके श्रमिकों से अपील कि है कि वे वापस काम पर लौटे और अपने तथा अपने परिवार का पालन पोषण करें। उन्होंने जिला परिषद सीईओ से कहा कि लॉक डाउन के दौरान जिले में फसे हुए श्रमिकों को उनके नजदीक की ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध करवायें। समीक्षा बैठक में उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक ने बताया कि जिले में 399 यूनिट प्रारम्भ कर दी गई है, जिसमें 2542 श्रमिक कार्यरत है। अन्य उद्योगों के संचालकों से भी सम्पर्क किया जा रहा है, मार्केट की डिमांड के हिसाब से जल्द ही और अधिक उद्योग धंघे प्रारम्भ कर दिए जाएंगे। रीको प्रबंधक ने बताया कि जिले में 128 इण्डस्ट्रीज प्रारम्भ कर दिए गए है, जिनमें 625 श्रमिक कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि सीमेंट सप्लाई की वजह से पिलानी में 15 व चिड़ावा में 6 इन्टरलॉकिंग इण्डस्ट्रीज सहित अन्य जगहों पर कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया है, इस पर जिला कलक्टर ने जल्द इसमें छूट देने का आश्वासन दिया। बैठक में एल एण्ड टी के अधिकारी द्वारा अवगत करवाया गया है कि जिले में तीन लोकेशन पर उनके द्वारा कार्य प्रारम्भ कर दिये गए है। अभी तकनीकी कार्य प्रारम्भ किया गया है। श्रमिकों को लाने व ले जाने के लिए बस व्यवस्था की अनुमति मिलने के बाद यह कार्य और अधिक गति से किया जा सकेगा। खनि अभियंता ने बताया कि जिले में 61 जगहों पर कार्य प्रारम्भ कर दिये गये है। मगर डिमांड की मांग कम होने के कारण कार्य को गति नहीं मिल पा रही है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि जिले में सरकार के आदेशों के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के कार्य प्रारम्भ कर दिए गए हैं। अब तक 297 ग्राम पंचायतों में कार्य प्रारम्भ हो चुके है, जिसमें 19513 श्रमिक कार्य कर रहे है। सावर्जनिक निर्माण विभाग के एसई ने बताया कि उनके स्वीकृत हुए कार्य धीरे -धीरे प्रारम्भ कर दिए गए है, वहीं 5 कार्य नरेगा के भी प्रारम्भ कर दिए गए है, जिनमे 170 श्रमिक कार्य कर रहे है। श्रम कल्याण अधिकारी ने बताया कि उनके द्वारा जिले में संचालित हो रहे 135 में से 28 ईट्ट-भट्टों का निरीक्षण किया गया, बाकि का निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भट्टों पर कार्य करने वाले लोगों को 15 दिवस के अन्तराल से पेमेंट किया जा रहा है, खाने -पीने की भी अधिक कोई परेशानी नहीं है। जिला कलक्टर ने श्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि वे सभी श्रमिकों को मास्क आवश्यक रूप से उपलब्ध करवायें तथा नरेगा में 100 दिवस के कार्य पूर्ण करने वाले के लेबर कार्ड जारी करें। उन्होंने श्रम कार्यालय की अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कार्य व्यवस्था में भी व्यापक सुधार करने के निर्देश दिए। बैठक में संबंधित विभागों जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।