जिले में स्वाईन फ्लू, डेगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टाईफस, जीका संक्रमण जैसी मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम के लिए पूर्व की भांति 15 व 16 अक्टूबर को विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दो दिवसीय स्वास्थ्य दल आपके द्वार अभियान-2 में पूरे जिले में वृहत स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सर्वे के साथ आमजन को स्वास्थ्य शिक्षा दी जाएंगी। इसी को लेकर सीएचएचओ सभागार में हुई बैठक में समस्त बीसीएमओ को निर्देशित करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुभाष खोलिया ने कहा कि अभियान को लेकर पूरा स्वास्थ्य विभाग सर्तकता से अपने कार्य में जूट जाए। जिले के किसी भी चिकित्सक का अवकाश उनकी स्वीकृति बिना मान्य नही होगा। साथ ही मेडिकल पर चलने वाले चिकित्सकों का भी गठित बोर्ड से स्वास्थ्य जांच करवाई जाएंगी। डॉ. खोलिया ने बताया कि इस अभियान में खंड स्तर पर खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। अभियान की विभिन्न गतिविधियों के तहत स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर सर्वे, रक्त पट्टिका संचयन, एंटी एडल्ट एवं एंटी लार्वल गतिविधियों जैसे गमलो, कूलर, परिण्डों, टायरों में भरे पानी को खाली करवाना, अनुपयोगी पानी से भरे गढ्ढों में एमएलओ एवं पानी की टंकियों में टेलीफोस डलवाया जाएंगा। साथ ही सार्स रिडक्सन एवं आईईसी गतिविधिया संपन्न करवाई जाएंगी। बैठक में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी(स्वा.) डॉ. राजकुमार डांगी ने बताया कि अभियान के तहत ग्रामीण- शहरी क्षेत्र टीम में आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम एवं एमपीडब्लू शामिल होंगे, जो अपने कार्य क्षेत्र में निर्धारित कार्य योजनानुसार दो दिनों में संपूर्ण घरों का सर्वे करेंगेे। डॉ. डांगी ने बताया कि अभियान टीमों द्वारा किये गए कार्य का भौतिक सत्यापन एवं सुपरविजन बीसीएमओ के नेतृत्व में पीएचसी स्तर पर आशा सुपरवाईजर एवं खंड स्तर पर ब्लॉक आशा सुपरवाईजर व खंड कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा किया जाएगा। अभियान के दौरान टेमीफोस, पायरेथ्रिम, एमएलओ एवं आईईसी सामग्री स्वास्थ्य टीम को संबंधित खंड स्तर पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में मिडिया को जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। अभियान में विशेष रूप से हाई रिस्क एरिया में फोगिंग करवाई जाएंगी। अभियान से संबंधित अधिनस्थ चिकित्सा संस्थाओं से रिपोर्ट खंड स्तर पर संकलित कर उच्चाधिकारियों को मय फोटोग्राफी ईमेल से भेजी जाएंगी। डॉ. खोलिया ने मिडियाकर्मियों को बताया कि इस पूरे अभियान में मुख्य रूप से नगर परिषद्, उप निदेशक आईसीडीएस, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सहित समस्त जिले के राजकीय व निजी नर्सिग कॉलेज के विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाएगा। बैठक में एडीओ अम्मीलाल मूंड, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. शीशराम गोठवाल, माईक्रोबायोलिस्ट डॉ. हरीश कौशिक, डॉ. कुलदीप सहित जिले के समस्त खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी व बीपीएम उपस्थित रहें।
-जीका जानलेवा नही है:
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जीका वायरस जान लेवा नही है, यह मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा नुकसानदायक है। जीका एडिज मच्छर द्वारा फैलता है, जो डेगू, चिकनगुनिया का भी वाहक है। जीका वायरस की जांच जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपलब्ध है। इस रोग के प्रमुख लक्षण आंख आना, बुखार आना, शरीर पर दाने, बदन दर्द, जोड़ों का दर्द आदि लक्षण है। सीएमएचओ डॉ. खोलिया ने बताया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य टीम द्वारा आमजन को अन्य रोगों के साथ जीका वायरस संबंधित भी स्वास्थ्य शिक्षा दी जाएंगी।