जिले का एक सबसे बड़ा एक ऐसा सरकारी स्कूल जो करीब 20 वर्ष बाद अपने खोये हुये अतीत वैभव को पुन: हासिल करने जा रहा है। शहीद कर्नल जय प्रकाश जानू राज. आदर्श उ.मा.वि जिले में ही नहीं बल्कि राजस्थान में भी अपनी पहचान बना चुका है। इस विद्यालय में 3 अगस्त 2015 को प्रधानाचार्य के रूप में पद ग्रहण करने वाले प्राचार्य मनीराम मंडीवाल ने बताया कि इसका नामांकन मात्र 368 था। पुराना भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में था। लेकिन टीम भावना, एसडीएमसी के पुनर्गठन पश्चात नये ऊर्जावान व सक्रिय सदस्यों के मार्गदर्शन व सकारात्मक सहयोग से नामांकन 2016-17 में 664 पहुंच गया। मुख्य भवन की मरम्मत, विद्यालय कैम्पस में सुवधिाओं के विस्तार हेतु भामाशाहों का भरपूर सहयोग मिला। परिणाम स्वरूप जिले का सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट क्लास रूम, ऑडियों विजुअल, सीसीटीवी कैमरें युक्त केम्पस, सी.एस.आर स्कीम के तहत इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा 6.68 लाख रूपये की लागत से वाटर कूलर, फिल्टर प्लान्ट व 300 कुर्सिया स्मार्ट क्लास रूम के लिए भेंट की गई। भामाशाहों ने मिलकर विद्यालय का रंग रूप बदल दिया। परिणाम स्वरूप 2017-18 में नामांकन 1236 पर जा पहुंचा। वर्तमान नव सत्र- में स्कूल में अनुशासन, निरन्तर विषय विशेषज्ञों द्वारा अतिरिक्त कक्षाओं के आयोजन, बालको के व्यक्तित्व के सर्वागीण विकास के लिए समस्त प्रकार की गतिविधियों का आयोजन, विद्यालय स्मारिका का प्रकाशन, वार्षिक उत्सव व शनिवारीय बाल सभाओं के सफल आयोजन के परिणाम स्वरूप वर्तमान सत्र में 7 जुलाई तक 653 नवप्रवेशित बालक प्रवेश ले चुके है तथा विद्यालय का कुल नामांकन 1650 प्लस तक पहुंच चुका है (सीनियर क्लास पासआऊट विद्यार्थियों को कम करने के पश्चात )। निरन्तर बढ़ते हुये नामांकन को देखते हुये शीघ्र ही यह विद्यालय लम्बे अंतराल पश्चात दो पारियों में संचालित होने जा रहा है। भामाशाह मोहम्मद सलीम चौहान ने इस विद्यालय में 14 लाख 33 हजार रूपये खर्च करके विभिन्न भौतिक सुविधाओं व संसाधनो के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनको राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। पूर्व सुंयक्त निदेशक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर व जिला स्कूल सलाहकार समिति के सदस्य शिक्षाविद् हरीराम महण के अनुसार 1997 में इस विद्यालय का नामांकन लगभग 1200 था तथा यह दो पारियों में संचालित होता था।
इनका कहना है – जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, रमसा, महिला अधिकारिता विभाग, पिरामल फाउण्डेशन, एसडीएमसी,जनप्रतिनिधियों, समाज के प्रत्येक वर्ग का असीम स्नेह व विश्वास, विद्यालय की समर्पित टीम, मिडिया का सकारात्मक सहयोग व राज्य सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार के फलस्वरूप ना केवल नामांकन बढ़ा बल्कि विद्यालय में भोतिक संसाधनों के विस्तार में भामाशाहों का भरपूर सहयोग भी मिला। मनीराम मंडीवाल, प्रधानाचार्य (शहीद कर्नल जयप्रकाश जानू राजकीय आदर्श उ.मा. विद्यालय)