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अब 42 में से 33 हुए नगेटिव
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झुंझुनूं, जिले में कोरोना संक्रमण अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। आज मंगलवार की जयपुर से आई ताजा रिपोर्ट्स को देखें तो एक और पॉजीटिव केस नगेटिव हो गया है जो नवलगढ़ कस्बे का है। अब नवलगढ़ में केवल दो ही पॉजीटिव केस शेष है जो हाल ही में मिले है। एक ही परिवार की दो महिलाएं जिनमें से एक महिला का जयपुर एसएमएस तथा दूसरी महिला का झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में इलाज चल रहा है। सीएमएचओ डॉ. पीएस दूतड़ तथा डॉ. सीएल गुर्जर ने बताया कि जयपुर से आई आज मंगलवार दोपहर की रिपोर्ट में झुंझुनूं के 33 ऐसे पॉजीटिव केस सामने आए है जो अब रिकवर्ड हो गए है। हालांकि इन्हें एसएमएस जयपुर और झुंझुनूं बीडीके से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। लेकिन इनमें से 21 को होम आइसोलेशन के लिए तो शेष 12 को जयपुर और झुंझुनूं में स्थित क्वारेंटाइन सेंटरों के लिए डिस्चार्ज किया गया है। जहां पर एक बार ये 12 लोग चिकित्सकों की निगरानी में है। उन्होंने बताया कि मंडावा का एक, गुढ़ागौडज़ी के छह तथा नवलगढ़ के दो केस ही पॉजीटिव है। जिनमें से छह का इलाज झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में तो दो का इलाज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में चल रहा है।
सर्वाधिक पॉजीटिव केस अब ‘घर’ में – झुंझुनूं जिले में अब तक 42 पॉजीटिव केस मिले थे। इनमें से 21 स्वस्थ होकर घर पहुंच गए है और यह बड़ी संख्या झुंझुनूं के केसों को लेकर जो घर में है और स्वस्थ है। वहीं इसके अलावा दूसरे सर्वाधिक छह-छह केस जयपुर और झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में है। झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में फिलहाल छह मरीज है जो पॉजीटिव है और उनका इलाज चल रहा है। इसके अलावा सीतापुरा में स्थित एक क्वारेंटाइन सेंटर पर छह लोग भर्ती है जो पॉजीटिव से नगेटिव तो हो गए है। लेकिन अभी क्वारेंटाइन है। इसके अलावा दो बगरू, एक आरयूएचएस, एक पूर्णिमा जयपुर तथा दो चुड़ैला स्थित क्वारेंटाइन में है। ये सभी वे लोग है जो पॉजीटिव से नगेटिव हो गए है। लेकिन अभी चिकित्सकों की निगरानी है। इसके अलावा तीन पॉजीटिव मरीज अभी जयपुर एसएमएस में भर्ती है। जिनमें एक सबसे पुराना मरीज मंडावा के वार्ड नंबर 20 का रहने वाला है। इसके अलावा गुढ़ागौडज़ी और नवलगढ़ की एक-एक महिला पॉजीटिवों का इलाज भी एसएमएस जयपुर में चल रहा है।
सेनिटाइज मशीनों का ना लें उपयोग – झुंझुनूं सीएमएचओ डॉ. प्रतापसिंह दूतड़ ने बताया कि जिले में कई जगहों पर सेनिटाइज मशीन अथवा टनल लगाए गए है जो शरीर के लिए सही नहीं है। इस संदर्भ में आईसीएमआर की भी गाइडलाइन आ गई है। गाइडलाइन आने के बाद बीडीके अस्पताल समेत अन्य जगहों से यह मशीनें अथवा टनल हटा दिए गए है। शेष जगहों से भी हटा लिए जाए और नए ना लगाए जाए। क्योंकि इसे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माना गया है।