शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ व उसकी पत्नी ने अपने स्वर्ण आभूषण एवं चांदी किसान राहत कोष में दान कर किसान राहत कोष बनाने की मांग की। जिसके सम्बन्ध में जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। विकास जाखड़ की पत्नी ने बताया कि कई वर्षो से उनके पत्ती हर माह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कोष में 1000 रूपये की सहायता दे रहें है। ताकि प्राकृतिक आपदाओं से पीडि़त देशवासियों की छोटी सी मदद हो सकें। साथ ही ये देश की सुरक्षा एंव सेना व अद्र्धसैनिक बलों के शहीद परिवारों की हरसंभव मदद के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में कई वर्षो से प्रत्येक माह 1000 रूपये का सहयोग दे रहें है। भारत विश्व गुरू के रूप में पुन:प्रतिस्थापित हो इसके लिये भी शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ साइन्स ऑफ टैक्नॉलोजी बोर्ड जिसके अन्तर्गत आईएसआरओं, डीआरडीओं एंव डीर्पाटमेंन्ट ऑफ एटॉरनिक जैसे कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान आते है, में भी हर माह 1000 रूपये का योगदान कई वर्षो से कर रहें है। शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ जिन्होने अपने शरीर को एम्स दिल्ली को 2014 में दान कर दिया ताकि शरीर के अंग किसी जरूरतमंद देशवासी को जीवन दे सके। विकास जाखड़ व उसकी पत्नी ने बताया कि ये सब कुछ करके हमें एक और आत्मसंतुष्टि होती है कि देश के लिये हम कुछ ना कुछ कर पा रहे है परन्तु जब किसानों की दुर्दशा देखते है तो लगता है बहुत कुछ बाकी रह गया है। बाढ़ ओलावृष्टि, तुफान, सुखा आदि आपदाओं में किसान को भारी क्षति होती है। सरकार की ओर से मुआवजा मिलने में बहुत समय लग जाता है, किसानों के मूल मुद्दे तो यथावत है ही साथ में आकस्मिक दुर्घटना एंव आपातस्थिति में किसानो को तुरन्त प्रभाव से मुआवजा मिले ताकि उसके जख्म भरे जा सके। इसके लिए किसान राहत कोष बनना चाहिये क्योकि किसान सबका पेट भरता है वह किसी एक वर्ग के लिए अनाज पैदा नही करता। अत: किसानों की तत्काल सहायता के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष, मुख्यमंत्री राहत कोष की तर्ज पर किसान राहत कोष की स्थापना की जाये। इसको लेकर जाखड़ दम्पत्ति ने अपने 40 तौला स्वर्ण आभूषण और लगभग 1 किलो चांदी किसान राहत कोष बने इसके लिए दान देना चाहा जिस पर झुंझुनंू जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि किसान राहत कोष नाम का फंड अभी गठित नहीं है। वही किसान राहत कोष नहीं होने से जाखड दम्पत्ती के आभूषण नही लिये गये। ज्ञापन लिया गया है व प्रधानमंत्री तक भिजवाया जायेगा।