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लाम्बा कोचिंग कॉलेज में संविधान दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। समारोह में निदेशक शुभकरण लाम्बा, प्रो.मनोज स्वामी, सुरेन्द्र सोहू, प्रमोद पूनिया एवं सेना भर्ती अभ्यार्थियो ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। संस्था निदेशक शुभकरण लाम्बा ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत एक बहु सांस्कृतिक, बहुजातिय और बहुभाषी देश है। कुछ ताकतें है जो इस तरह की विविधता का लाभ उठाकर देश की एकता के लिए खतरा पैदा कर रही है। चाहे मामला मतदान का हो ये ताकतें अपना खतरनाक खेल खेलने से बाज नही आती है। इसलिए उन्होने आह्वान किया कि वे जाति, धर्म के आधार पर अपना निर्णय न ले। अन्यथा शांति और खुशहाली देश से गायब हो जायेगी। और राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि कमजोर पड़ जायेगी। इसलिए लोकतान्त्रिक, सैवंधानिक संस्थाओं को मजबुत करने में अपना योगदान दे। प्रो.चन्द्र प्रकाश शास्त्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि भौतिक एकता इस देश में संविधान द्वारा लायी गयी है। जबकि भावात्मक सौहार्द हमारी सभ्यता-संस्कृति की देन है। इसलिए हर भारतीय का परम कर्तव्य है कि वो समाज को जाती व धर्म के आधार पर बंटने न दे। प्रमोद पूनिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश की लोकतान्त्रिक संस्थाएं खतरे में है इन्हे जल्द मूल रूप में लाने की आवश्यकता है। जिस देश की सभ्यता- संस्कृति ने दुनियां को सहिष्णुता,सहअस्तित्व और करूणा का पाठ पढय़ा हो इस देश में असहिष्णुता और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले की धटनाएं बढ़ रही है। कार्यक्रम के अन्त में निदेशक शुभकरण लाम्बा ने संविधान में दिये गये मूल कर्तव्यों की पालना के लिए शपथ दिलायी। समारोह में सैकड़ो लोग उपस्थित थे।