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झुंझुनू में बाबा साहेब का 62 वाँ महानिर्वाण दिवस मनाया

स्थानीय लाम्बा कोचिंग झुंझुनूं में बाबा साहेब डाॅ. भीमराव आम्बेडकर का 62 वाँ महा परिनिर्वाण दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष शिक्षाविद टेकचन्द शर्मा, मुख्य अतिथि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी लियाकत खान, स्वतन्त्रता सेनानी भगवती प्रसाद शर्मा, निदेशक शुभकरण लाम्बा, महवीर चारण, सुरेन्द्र सोहू, प्रमोद पूनियाँ, नरेन्द्र जाखड़ एवं सेना भर्ती के सैकड़ों अभ्यार्थियो ने डॅा. आम्बेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि दी।
निदेशक शुभकरण लाम्बा ने अपने सम्बोधन में कहा कि डाॅ. आम्बेडकर को किसी जाति, धर्म, सम्प्रदाय, वर्ण में नहीं बाटाँ जा सकता बल्कि वे समस्त मानव जाति के प्रणेता थे। उन्होनें एक तरफ सदियों से शौषित और उत्पिड़ित समाज को ऊपर उठाया और उनको समाज में उचित स्थान दिलाया और उसकी तरफ समस्त भारत को एक ऐसा संविधान दिया जो कि भारत की सभ्यता एवं संस्कृति पर आधारित हैं और जिसमें विश्व के श्रेष्ठ संविधानो का समावेश हैं। उन्होनें कहा यदि उनके दर्शन और संविधान को तहेदिल से अपनालें तो हम, हमारा समाज और समस्त राष्ट्र अपने खोये हुए गौरव को पूनः प्राप्त कर लेगा और हम वो सबकुछ प्राप्त कर लेगें जिसके हम हकदार हैं। निदेशक लाम्बा ने साथ-साथ यह भी चेताया कि यदि हम उनके दर्शन और संविधान की पालना नहीं करेगें तो हम हमारी स्वतन्त्रता, समृद्धि और खुशहाली खो सकते है। अतः जाति, धर्म और सम्प्रदाय के आधार पर कोई भी निर्णय नहीं लेवें। लियाकत खान ने कहा कि समाज की समरसता और एकजुटता लोकतन्त्र एवं राष्ट्र की मजबुती के लिए परम आवश्यक हैं। स्वतन्त्रता सेनानी भगवती प्रसाद वर्मा ने कहा कि हमें अम्बेडकर की जीवनी से प्रेरणा लेनी चाहिए। शिक्षाविद टेकचन्द शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने डाॅ. अम्बेडकर की योग्यता को समझते हुए उन्हें स्वतन्त्र भारत के प्रथम मंत्रीमण्डल में कानून व विधि मंत्री बनवाया जिससे कि समस्त राष्ट्र लाभान्वित हो सके। कार्यक्रम के अन्त में समारोह में उपस्थित सभी ने यह शपथ ली कि वे समाज में जाति व धर्म के आधार पर कोई निर्णय नहीं लेगें। हम राष्ट्र-हित के कार्य को सर्वोपरी मानेगें।

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