आज जहां पूरे देश में गणतंत्र दिवस को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है वही झुंझुनू के सूरजगढ़ का एक फौजी का परिवार ऐसा भी है जो अपने फौजी बेटे के हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए 5 दिन से जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठा हुआ है और आज गांधीवादी तरीका अपनाते हुए धरना स्थल पर ही फौजी के परिवार वालों ने रक्तदान करके सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने की गांधीवादी तरीके से कोशिश की है। वही फौजी के मामा वीरेंद्र ने आरोप लगाया की 18 दिसंबर को उसके भांजे फौजी अखिलेश की गांव के पास ही कुछ असामाजिक तत्वों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी और बावजूद इसके सूरजगढ़ थाना अधिकारी कमलेश चौधरी ने इसको एक्सीडेंटल केस दर्ज करके आरोपियों को बचाने की कोशिश की है हालांकि इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है मगर मुकदमे मैं धारा 302 के नहीं लगने से गांव के और फौजी के परिवार में आक्रोश है और अन्य दो तीन आरोपी जो अभी तक फरार चल रहे हैं उनको भी थाना अधिकारी पर बचाने का आरोप मृतक फौजी अखिलेश के मामा ने लगाया। वहीं मृतक फौजी अखिलेश की बहन रितु ने भी रोते रोते बताया कि अगर एक फौजी के परिवार को इंसाफ के लिए 5 दिन तक धरने पर बैठना पड़ सकता है तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा यह एक सोचने का विषय है और आज हम गांधीवादी तरीके से धरना स्थल पर ही रक्तदान भी करके इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। गौरतलब है कि 18 दिसंबर 2018 को फौजी अखिलेश की सूरजगढ़ के डूलानिया गांव के पास कुछ असामाजिक तत्वों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।