विधानसभा में भेदभाव पूर्ण एवं प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में
आज सोमवार को पत्रकारों के संगठन इंडियन फैडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट की झुंझुनू शाखा ने जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंधी के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर रवि जैन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि वर्तमान बजट सत्र में पत्रकारों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करते हुए समाचार संकलन हेतु विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने आपातकाल की तरह जो व्यवस्था लागू की है उससे लोकतांत्रिक व्यवस्था का हनन हो रहा है। इसमें पत्रकार दीर्घा और पत्रकार कक्ष में ही पत्रकारों के प्रवेश पत्र मान्य किए गए हैं विधानसभा परिसर के अन्य स्थानों में आने-जाने व समाचार संकलन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही प्रवेश पत्र जारी करने में पत्रकारों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया गया है जिसमें बड़े दैनिक समाचार पत्रों को प्राथमिकता देते हुए अधिकांश एवं लघु समाचार पत्रों व स्वतंत्र पत्रकारों को वंचित रखा गया है। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान प्रेस प्रतिनिधि अधिनियम 1994 में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि सदन की कार्यवाही एवं ब्यौरा जनसाधारण तक पहुंचाना पत्रकारों का प्रमुख कर्तव्य है। इसमें कहीं भी साप्ताहिक या छोटे अखबारों के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हो सकते यह उल्लेख नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पत्रकारों की बढ़ती हुई संख्या को इंगित करते हुए नई व्यवस्था लागू करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात जैसा है जबकि यह स्वतंत्रता भारतीय संविधान में भारत के प्रत्येक नागरिक को दी है। इस कारण से यह एक तरह से यह सांवैधानिक प्रावधानों की भी अवहेलना है। ज्ञापन देने वालों में राजेंद्र सिंधी, ओम स्वामी, रफीक कुरैशी, जाकिर, फैयाज अली, विकास पूनिया, जे पी शर्मा, अरुण मूंड, डी डी सैनी, सुरेंद्र बांगड़वा, महमूद अली, प्रकाश कुमार इत्यादि शामिल थे।