राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में एवं अशोक कुमार जैन अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनू के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन रविवार को किया गया। अशोक कुमार जैन जिला एवं सेशन न्यायाधीश झुंझुनूं के निर्देशन में आज की लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्रमोद बंसल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बताया की न्यायालयों में लंबित व प्रीलिटिगेशन के प्रकरणों यथा धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैंक रिकवरी, श्रम विवाद, पानी व बिजली के बिल (अशमनीय के अलावा) एवं अन्य (दाण्डिक शमनीय, पारिवारिक एवं अन्य सिविल विवाद) और बैंक रिकवरी मामले, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, मजदूरी भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले (केवल जिला एवं उच्च न्यायालय में लम्बित), अन्य सिविल मामले (किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि को समाहित करते हुए कुल 895 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस अवसर पर मधु हिसारिया पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया की लोक अदालत में मुकदमों के निस्तारण व प्रकरणों की संख्या को देखते हुए 18 न्यायिक अधिकारियों की बैंचो जिसमें 01 प्रिलिटिगेशन बैंच का गठन किया गया। पूरे दिन भर में प्रिलिटिगेशन के 330 प्रकरण व लंम्बित 565 प्रकरणों इस प्रकार कुल 895 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में पारिवारिक न्यायालय झुंझुनूं में एक प्रकरण लंम्बित था जिसके पक्षकारान की शादी 30 अपै्रल 2015 को हुई थी। दोनों के मध्य आपसी मन मुटाव के कारण 25 अगस्त 2017 से दोनो पति- पत्नी अलग अलग रह रहे थे। आजआयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए गठित बैंच के समक्ष उक्त दोनों पक्षकारों को समझाईश के लिए बुलाया गया। बैंच के अधिकारीगण व सदस्यों की ओर से समझाईश करवाई गयी जिसके पश्चात दोनों पति पत्नि एक साथ रहने को राजी हो गये। उन्होंने आपसी सहमति के आधार पर प्रस्तुत याचिका को खारिज करवाया।