वैसे तो नगर परिषद में अक्सर नेताओं और अधिकारियों के ही स्वागत होते है। लेकिन पहली बार झुंझुनूं के ऐसे युवा का सम्मान किया गया। जो अब केवल झुंझुनूं का नहीं, बल्कि पूरे देश का ‘शौर्य’ बन गया है। सभापति सुदेश अहलावत की पहल पर दो दिन पहले राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हुए शौर्य चक्र प्राप्त विकास जाखड़ का सम्मान किया गया। सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट विकास जाखड़ का सम्मान करने के लिए पार्षदों, नगर परिषद के अधिकारियों के अलावा शहर के मौजिज लोग भी पहुंचे। इस मौके पर विकास जाखड़ ने 2016 में हुई नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की कहानी बयां की। साथ ही उन्होंने कहा कि झुंझुनूं के खून में बहादुरी है। हमें बचपन में ही किस्से, कहानियां बहादुरी की सुनाई जाती है और जब कुछ समझ आती है तो शहीद प्रतिमाएं हमारे अंदर हौंसला भर देती है। इसके बाद चाहे सेना हो या फिर और कोई क्षेत्र। यहां का युवा हर क्षेत्र में अपना बेहतर प्रदर्शन करता है। उन्होंने अपना शौर्य चक्र झुंझुनूं के युवाओं को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनका नहीं, बल्कि झुंझुनूं के खून का सम्मान है। जिसकी बहादुरी के किस्से पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखते हैं। इससे पहले सभापति अहलावत सहित वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र मंडीवाल, कुलदीप पूनियां, बृजेंद्र लांबा, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष असगर पहाडिय़ान, भाजपा शहर अध्यक्ष गणेश तिवाड़ी, महामंत्री पंकज टेलर आदि ने विकास जाखड़ का स्वागत किया। वहीं शॉल ओढाकर विकास का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में सभापति सुदेश अहलावत ने कहा कि झुंझुनूं के युवा ने हर बार यहां की शान को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। विकास जाखड़ की सफलता भी सुनहरे अक्षरों में लिखी गई है। इसके बाद सभापति सुदेश अहलावत विकास जाखड़ को अपनी गाड़ी में जुलूस के रूप में घर तक छोड़कर आए। जहां पर भी जाखड़ का महिलाओं और पुरुषों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कार्यक्रम में कै. मोहनलाल, अमरचंद खेदड़, नगरपालिका कर्मचारी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष कर्मवीर भांबू, पीए डॉ. अरविंद शर्मा, पार्षद मनोज कुमावत, लीलाधर जाखड़, नवाब घोसी, मो. अख्तर, अजमत अली, सुधीर चाहर, तौफिक निर्बाण, नगर परिषद के रामनिवास, मनोज शर्मा, सुभाष बिजारिणयां, विजय गोपाल, सुरेंद्र बंशीवाल, लतीफ दानका आदि मौजूद थे। संचालन पूर्व पार्षद जाकिर चौहान ने किया।