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राजकीय विद्यालयों में इस बार भी शत्-प्रतिशत बच्चों का नामांकन करवाया जाएगा- जिला कलेक्टर 

 जिला कलेक्टर  दिनेश कुमार यादव ने कहा है कि गत वर्षाे की भांति इस बार भी राजकीय विद्यालयों में दो चरणों में अनांमाकित बच्चों के नामाकंन के लिए प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण 26 अप्रैल से 9 मई तक तथा द्वितीय चरण 19 जून से 30 जून तक मनाया जाएगा। जिला कलेक्टर ने कहा कि उनका लक्ष्य जिले के शत-प्रतिशत बच्चों को विद्यालयों में नामांकित करना है और वे इसके लिए घर-घर जाकर वोटर लिस्ट के आधार पर बच्चों को स्कूलों से जोडेंगे का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार छोटे बच्चों को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा और उनको आंगनबाडी केन्द्रों में नामांकित करने का कार्य किया जाएगा। वे बुधवार को सूचना केन्द्र में शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित मीडिया कार्यशाला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि जिले के लिए एक लाख 65 हजार बच्चों के नामाकंन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि अब तक एक लाख 8 हजार बच्चें ही राजकीय विद्यालयों में नामांकित है। उन्होंने बताया कि जिले में गत चार वर्षो से निरंतर नामाकंन बढ़ रहा है, जिसका कारण शिक्षा की गुणवत्त्ता सुधार एवं भामाशाहों के सहयोग से विद्यालयों की व्यवस्था में सुधार भी शामिल है। उन्होंने बताया कि हालाकि गैर सरकारी विद्यालयों की तुलना में राजकीय विद्यालयों में विशेष योग्यता रखने वाले शिक्षक नियोजित है। हमें लोगों की सोच में बदलाव लाना होगा कि वे गैर सरकारी विद्यालयों की बजाय राजकीय विद्यालयों में अपने बच्चों का नामाकंन करवाएं। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि मैने राजकीय सेवा के दौरान फिल्ड में पोस्टिंग के व€त मेरे लडक़ों को राजकीय विद्यालयों में ही अध्ययन करवाया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सर्वे में कक्षा 3 एवं 5 में राज्य में जिले को पहला स्थान मिला है, जबकि कक्षा 8 में छठा स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि सभी बिन्दूओं के आधार पर जिले को राज्य में दूसरा स्थान मिला है। उन्होंने बताया कि जिले के 359 राजकीय विद्यालयों में आईसीटी लैब स्थापित है, जबकि 161 विद्यालयों में आईसीटी लैब स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने जिले के राजकीय और गैर राजकीय 12वीं कक्षा की विज्ञान, वाणिज्य एवं कलां संकाय में इस वर्ष रहे परिणाम की जानकारी देते हुए बताया कि राजकीय विद्यालयों में निजी विद्यालयों की बजाय अच्छा परिणाम रहा है, जिसका कारण शिक्षकों की मेहनत है। इसी वजह से अभिभावकों का रूझान राजकीय विद्यालयों की ओर निरंतर बढ़ रहा है। उन्होंने शिक्षकों से कहा है कि वे कड़ी मेहनत करके शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में नामाकंन के लक्ष्य को हासिल करने में अपनी अहम भूमिका निभाएं।
महिला अधिकारिता विभाग के सहा. निदेशक विप्लव न्यौला ने बताया कि जिले के 40 टॉपर, जो 12वीं के विभिन्न संकायों एवं 10 वी कक्षा परिणाम में टॉप रहेंगे, उन विद्यार्थियों को 10-10 हजार रूपये और जिले में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 21 हजार रूपये की नगद राशि प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। परीक्षा परिणाम में श्रेष्ठ रहने वाले विद्यालयों के शिक्षकों को भी नगद राशि भेंट कर सम्मानित किया जाएगा। अति. जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) राजेन्द्र खीचड ने बताया कि प्रवेशोत्सव अभियान का आयोजन जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, महिला अधिकारिता विभाग, पीरामल फाउण्डेशन तथा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त तत्तवावधान में किया जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी टी.आर. मीणा ने जिले में मनाएं जा रहे प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों का पूर्ण सहयोग लिया जाएगा और हर हाल में जिले को नामाकंन के लिए आंवटित लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। अति.जिला शिक्षा अधिकारी अम्मीलाल मूंड एवं रमसा की एडीपीसी श्रीमती विनोद जानू ने भी इस अभियान से संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा विद्यार्थियों को लैपटॉप, साईकिल, ट्रांसपोर्ट वाउचर आदि राजकीय विद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को उपलŽध करवाएं जाते है। इस कार्यशाला में अति. जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद आबूसरिया, पीरामल फाउण्डेशन के गजेन्द्र सिंह, अनूज श्रीवास्तव, मनीष, रमसा के श्रीचंद चाहर, सर्व शिक्षा अभियान के मनोज कुमार, प्रमेन्द्र कुल्हार सहित मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

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