विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर शनिवार को जिलेभर में टीबी जागरूता को लेकर अनेक कार्यक्रम हुए। इसी क्रम में जिला मुख्यालय पर प्रात: साढ़े आठ बजे प्रशिक्षु नर्सिग छात्राओं की ओर से टीबी जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली को मांगीलाल जैन राजकीय क्षय निवारण केंद्र से जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले जिला कलेक्टर ने सभी प्रशिक्षु नर्सिगकर्मियों व विभाग के कर्मचारियों से देश में टीबी उल्मूलन के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता फैलाने की अपील की। रैली में मुख्य रूप से नौंरगराम दयानंद ढूकिया नर्सिक कॉलेज व राजकीय नर्सिग स्कूल के प्रशिक्षु विद्यार्थियों, चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी एवं आरएनटीसीपी कार्यक्रम से जुड़े क्रामिकों ने भाग लिया। टीबी क्लीनिक से शुरू हुई यह रैली टीबी जागरूकता संबंधी गगनचुंबी नारों के साथ राजकीय बीडीके अस्पताल कैंपस व शहर के प्रमुख स्थलों से होते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पहुंची। जहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुभाष खोलिया की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित प्रशिक्षु नर्सिक छात्राओं को टीबी रोग से जुड़ी अनेक जानकारियों से अवगत करवाया गया। प्रशिक्षु नर्सिग विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सीएमएचओ डॉ. खोलिया ने बताया कि टीबी एक प्रकार से सामान्य बीमारी है, लेकिन इसका समय पर ईलाज शुरू नही करने पर यह गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है। इस रोग से निर्धारित समय तक ईलाज लेकर मुक्ति पाई जा सकती है। टीबी का ईलाज बीच में छोडऩे से इस बीमारी के किटाणु दुबारा सक्रिय हो जाते है। डॉ. सुभाष खोलिया ने बताया कि देश में टीबी उल्मूलन के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2025 का लक्ष्य लिया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए चिकित्सा विभाग के सभी स्वास्थ्यकर्मी व आमजन के कंधों पर बड़ी जिम्मेवारी बन गई है। जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. नरोत्तम जांगिड़ ने बताया कि आरएनटीसीपी कार्यक्रम द्वारा राज्य सरकार टीबी रोकथाम के लिए प्रभावी उपचार डोट्स पद्वति शुरू कर रखी है। जिसके द्वारा टीबी रोगी का जड़ से उपचार संभव है। डॉ. जांगिड़ ने कहा कि टीबी रोकथाम में इस रोग के प्रति आमजन में जागरूकता होनी जरूरी है। उन्होंने प्रशिक्षु नर्सिक छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपने नजदीक व आस-पड़ौस में टीबी के लक्षण पाए जाने वाले संभावित टीबी रोगियों का चिन्हिकरण कर उन्हें उपचार से जोड़े। कार्यक्रम में गत वर्ष दिसंबर माह में जिले में चले सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान में उत्कृष्ट सहभागिता निभाने वाले नौंरगराम दयानंद ढूकिया नर्सिंग कॉलेज के 24 प्रशिक्षु नर्सिग छात्रों को अतिथियों ने प्रमाण-पत्र देकर प्रोत्साहित किया। साथ ही टीबी रोगियों का ऑनलाईन डाटा रखने व रिर्पोटिग करने के लिए सीनियर डॉट्स सुपरवाईजर मंगलचंद व रविंद्रसिंह शेखावत को विभाग की ओर से प्रदत्त टेबलेट दिए गए।