जिला परिषद की प्रशासन एवं स्थापना की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को जिला प्रमुख सुमन रायला की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्य सचिव जयपुर की ओर जारी आदेश में जिला परिषद को चिकित्सा, कृषि, समाज कल्याण, प्रारंभिक शिक्षा एवं महिला अधिकारिता पांच विभागों में अपने स्तर स्थानान्तरण करने के मिले आदेश को लेकर चर्चा की गई। जिला प्रमुख सुमन रायला ने बताया कि पूर्व में जिला प्रमुख द्वारा किए गए तबादलों को किसी स्तर पर निरस्त किया गया। तो उनको प्रतिहरित करने के आदेश है। उन्होंने बताया कि इन विभागों में अधिकारी कर्मचारियों के तबादले के लिए आगामी बैठक में पॉलिसी तैयार की जाएगी। बैठक में जिला परिषद सदस्य दिनेश सुंडा ने चिकित्सा विभाग पर गफलाबाजी का आरोप लगाते हुए बताया कि श्वान (कुत्ते) काटने पर लगने वाले एआरवी नामक इंजेक्शन पूरे प्रदेश में फ्री दवा योजना में शामिल है। लेकिन झुंझुनूं बीडीके अस्पताल के पीएमओ ने मरीजों को परेशान करने के लिए भामाशाह योजना से जोड़ दिया है। जिससे आम मरीज को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सुंडा ने इस प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की। इसके अलावा सुंडा ने कहा कि बारिश के बाद अब बुवाई का समय शुरू हो गया है। ऐसे में बीज समेत अन्य कृषि आदान किसानों को सही समय पर मिले। ताकि उन्हें फसलों में कोई परेशानी ना हो। इसके लिए कृषि विभाग से जानकारी मांगी। जिला परिषद सदस्य सहीराम गुर्जर ने खेतड़ी सीएचसी में पिछले दिनों 11 वर्षीय बालक के शव का शाम के समय पोस्टमार्टम नहीं किए जाने एवं डॉक्टरों की अनुपस्थिति की शिकायत सीएमएचओ को देने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं किए जाने का मामला उठाया। मामले को लेकर जिला प्रमुख रायला ने सीएमएचओ डॉ.सुभाष खोलिया को फटकार लगाते हुए लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करने के आदेश दिए तथा उपस्थित अधिकारियों की मौजूदगी में टीम गठित कर औचक निरीक्षण करने के आदेश दिए। बैठक में उप जिला प्रमुख बनवारीलाल सैनी, जिला परिषद सीईओ जेपी बुनकर, एडीईओ एलीमेंट्री राजेंद्रकुमार, कृषि विभाग सहायक निदेशक कमलेश कुलहरि, महिला अधिकारिता विभाग सहायक निदेशक विप्लव न्यौला, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक पवन पूनियां, कार्यवाहक पीएमओ डॉ. वीके गुप्ता, जिला परिषद सदस्य इंजी. प्यारेलाल ढूकिया, बजरंगसिंह चारावास, सांवरमल धानियां, सुलोचना सोलाना एवं सुमित्रा सरजीत चौधरी आदि मौजूद थे।