एक साथ 337 परिसरों में पौधारोपण की शुरुआत की जायेगी
झुंझुनूं, जिले में 15 जुलाई को पौधारोपण वार्षिकोत्सव मनाकर एक साथ 337 परिसरों में पौधारोपण की शुरुआत की जायेगी। ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज विभाग ने पूरे राज्य में इस प्रकार के उत्सव के तहत चारदीवारी वाले परिसरों में पौधारोपण के निर्देश दिये हैं। इस बार वृक्षों को अगले चार साल तक लगातार पालकर छायादार बनाने की योजना के तहत चारदीवारी तथा फेंसिंग वाले परिसरों में ही ग्राम पंचायतों द्वारा पौधारोपण किया जायेगा। जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक परिसर को इस मानसून में पौधारोपण के लिये चिन्हित किया गया है। सामान्यतः मानसून के समय अनेक नागरिक तथा संस्थाये पौधारोपण करती है परन्तु इन वृक्षों को पाल पोस कर बड़ा करने का कोई प्लान न होने के कारण अधिकतर पौधे नष्ट हो जाते हैं। महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत लगाये जाने वाले पौधों की सुरक्षा के लिये आगामी चार साल तक वृक्षमित्रों के रूप में नरेगा श्रमिकों को जिम्मेदारी दी जायेगी। इन पौधों को सुरक्षित रखने के लिये झाड़ियो की झोंपड़ी ,तथा साल में पांच बार टैंकर से पानी पिलाने का प्रावधान भी किया गया है। जो वृक्षमित्र इन पौधों को पालकर बड़ा करेगा, उन्हें साल में सौ दिन का रोजगार इसी काम पर दिये जाने के अलावा इन पौधों से होने वाली उपज प्राप्त करने तथा इन पर खर्च होने वाली राशि प्राप्त करने का भी अधिकार होगा। जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट ने बताया है कि इस कार्य के लिये प्रत्येक पंचायत में औसत 5 स्वयंसेवकों को वृक्षमित्र के रूप में मान्यता देकर इनसे सामाजिक अंकेक्षण, विभिन्न प्रकार के सर्वे तथा स्वच्छता गतिविधियों में भी इन्हें नियोजित किया जायेगा।