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कल होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

सीकर, राष्ट्रीय लोक अदालत की प्रक्रिया एवं महत्व से अवगत कराते हुए सचिव, जिला विधिक प्राधिकरण, सीकर धर्मराज मीणा ने बताया कि मुकदमों के निस्तारण का सस्ता, सुलभ एवं सौहार्द्रपूर्ण उपाय हैं। लोक अदालत के माध्यम से निपटाए गए प्रकरणों में पक्षकारों द्वारा कोर्ट फीस के रूप में अदा किये गये कोर्ट फीस के स्टाम्पों की राशि पक्षकारों को लौटा दी जाती हैं। जिससे पक्षकारों को सस्ता न्याय प्राप्त होता हैं। लोक अदालत की प्रक्रिया पक्षकारों की सहमति मात्र पर आधारित होने से इसमें कोई तकनीकी पेचीदगी नही होती हैं। इस प्रकार यह प्रक्रिया पक्षकारों के मध्य पारस्परिक वैमनस्य को दूर कर पारस्परिक सौहार्द्र एवं सामंजस्य की स्थापना करने में भी सहायक साबित होती हैं। लोक अदालत के माध्यम से निपटाये गये प्रकरणों का फैसला अंतिम होता है और इसकी कोई अपील नहीं हो सकती। जिसके कारण पक्षकारों को दीर्घकालीन मुकदमेबाजी से छुटकारा प्राप्त होता हैं।

लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में लंबित मुकदमों के अलावा ऐसे संभावित प्रकरणों को भी प्री-लिटिगेशन के रूप में निपटाया जा सकता हैं। जिसमें भविष्य में मुकदमेबाजी की संभावना हो। मूल रूप से ऐसे प्रकरण बैंकों द्वारा पक्षकारों को दिये गये ऋणों की किश्त वसूली बाबत्, बिजली-टेलिफोन के बकाया बिलों की वसूली से संबंधित होते हैं। प्री-लिटिगेशन के माध्यम से निपटायें गये ऐसे प्रकरणों में देय राशि का भुगतान पक्षकारों की सहमति के आधार पर किया जाकर मुकदमेबाजी से बचा जा सकता है और मुकदमे की कोई फीस भी अदा नहीं करनी होती हैं। लोक अदालत के संबंध में किसी एक पक्षकार अथवा दोनों पक्षकारों की प्रार्थना पर प्रकरण सुनवाई के लिए संबंधित न्यायालय द्वारा लोक अदालत के लिए चिन्हित किया जा सकता हैं। लोक अदालत में राजीनामा योग्य चिन्हित किये गये मुकदमों की सुनवाई के लिए नियत तिथि को उपस्थिति बाबत पक्षकारों को नोटिस, मैसेज के माध्यम से सूचना भेजी गई हैं।

उन्होंने बताया कि 9 दिसम्बर 2023 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारों की प्रार्थना पर सीकर न्यायक्षेत्र में लगभग 23 हजार प्रकरण चिन्हित किये गये हैं, जिनमें न्यायालयों लंबित 7449 मामले एवं प्री-लिटिगेशन के कुल 15430 मामलों की सुनवायी की जायेगी। लोक अदालत में प्रकरणों की सुनवाई हेतु सीकर जिला मुख्यालय एवं फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, श्रीमाधोपुर, नीमकाथाना, रींगस तथा दांतारामगढ़ तालुकाओं एवं खण्डेला एवं धोद मुख्यालय पर कुल 16 बैंचे गठित की गयी है जो प्रात: 10 बजे से सायं 5 बजे तक प्रकरणों की सुनवाई एवं राजीनामें की कार्यवाही करेगीं।

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