गोपालपुरा की डूंगर घाटी के पास
सुजानगढ़, निकटवर्ती ग्राम पंचायत गोपालपुरा की डूंगर घाटी के पास स्थित डूंगरमल सिंघी की खान में भरे पानी में दोपहर में चार युवक डूब गए। जिसकी सूचना ज्योंहि प्रशासन को मिली तब मौके पर उप पुलिस अधीक्षक नरेंद्र शर्मा, सीआई मुस्ताक खान मय जाब्ते के पहुंचे। उपखंड अधिकारी रतन कुमार स्वामी, तहसीलदार अमरसिंह भी मौके पर पहुंचे। स्थानीय गोताखोरों ने प्रयास करके नरेंद्रसिंह नामक युवक के शव को बाहर निकाल लिया। वहीं समाचार लिखे जाने तक तीनों डूबे हुए युवकों की तलाश गोताखोरों द्वारा की जा रही है। मौके पर चूरू से सिविल डिफेंस के चार जवान पहुंचे जिन्होंने स्थानीय लोगों की सहायता से युवकों को ढूंढऩे का प्रयास शुरू कर दिया। लेकिन समाचार लिखे जाने तक तीनों युवकों – महावीरसिंह पुत्र मदनसिंह, गजेंद्रसिंह पुत्र कल्याणसिंह, हेमसिंह पुत्र भंवरसिंह जाति रावणा राजपूत को तलाशा जा रहा था।
चप्पल के चक्कर में गंवाई जान – जानकारी के अनुसार डूंगर बालाजी स्थित डूंगरमल सिंघी की खदान में बारिश का पानी जमा हो रखा था। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि 8 युवक करीब एक बजे घर से निकले थे। जिन्होंने इस खदान में भरे पानी में चप्पल से खेल-खेलने की स्कीम बनाई। सबमें इस बात को लेकर प्रतिस्पर्धा हुई कि कौन व्यक्ति तालाब में आगे से आगे फेंकी चप्पल को तैरकर वापस लाता है। इसी दौरान बारिश भी शुरू हो गई। चप्पल को लाने के लिए विक्रम नामक युवक गया हुआ था। बारिश से अचानक खदान में पानी का स्तर बढऩे लगा तो विक्रम नामक युवक डूबते वक्त चिल्लाया। तो उसे बचाने के लिए चार दूसरे युवक पानी में कूद गये और किसी न किसी तरीके से बाहर खड़े तीनों युवकों की सहायता से विक्रम को बचा लिया गया, लेकिन बचाने गये चारों युवक पानी में डूब गये।
ये डूबे चारों युवक -जानकारी के अनुसार महावीरसिंह पुत्र मदनसिंह, गजेंद्रसिंह व नरेंद्रसिंह पुत्रगण कल्याणसिंह, हेमसिंह पुत्र भंवरसिंह जाति रावणा राजपूत निवासीगण डूंगरघाटी इस दुर्घटना में डूब गये। वहीं नरेंद्रसिंह नामक युवक का शव निकाल लिया गया। वहीं घटना के वक्त मौजूद अन्य तीन युवक मौके से भाग गये। डूबे युवकों को निकालने के लिए 4 सिविल डिफेंस के जवान चूरू से पहुंचे। उपखंड अधिकारी रतन कुमार स्वामी ने बताया कि मौके पर पंपसैट के जरिये तालाब का पानी तोडऩे के प्रयास जारी हैं। वहीं बीकानेर से एसडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाया गया है, जो देर शाम को पहुंचकर राहत बचाव कार्य करेगी। उप पुलिस अधीक्षक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि रात अगर होती है तो रात को भी रेस्क्यू जारी रहेगा।
आपदा राहत प्रबंधन मंत्री का क्षेत्र बेहाल-लोगों का मत है कि यहां के जनप्रतिनिधि सरकार में आपदा राहत प्रबंधन मंत्री हैं, लेकिन उनके गृह नगर में कोई प्रशिक्षित गोताखोर तक की व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के पांच घंटे बीत जाने के बाद भी मौके पर जयपुर, सीकर, बीकानेर कहीं से भी प्रशिक्षित उपकरणों से लैस टीम के सदस्य नहीं पहुंचे। सोचने वाली बात ये है कि सुजानगढ़ में जब भी इस प्रकार की आपदा आती है तो दूसरी जगह से मदद के लिए ताकना पड़ता है। अभी हाल ही में गोपालपुरा में बरसाती नदी ने तबाही मचाई थी, लेकिन वहां भी प्रशासन द्वारा फौरी तौर पर राहत प्रदान करने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया।