सीकर जिला कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल ने खुले बोरवेल, ट्यूबवैल से सम्भावित घातक दुर्घटनाओं के बचाव के संबंध में भू-जल विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, पंचायती राज विभाग एवं अन्य एजेन्सियों से समन्वय कर पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए है।उन्होंने निर्देश दिए कि भूमि की सतह से अनुपयोगी, बंद पडे बोरवेल को मिट्टी, रेत, पत्थर कंकड़, ड्रिल, कटिंग आदि द्वारा पूर्णरूप से भरवाया जाना सुनिश्चित करें। बोरवेल,ट्यूबवेल के नये निर्माण से पूर्व भूमि, परिसर के मालिक को जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, ग्राम पंचायत के सरपंच या अन्य अधिकृत किये गये संबंधित अधिकारी को पंद्रह दिन पहले लिखित में सूचित किया जाना आवश्यक है। अधिकृत किये जाने वाले अधिकारी भू-जल विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, नगर निमग, नगर परिषद, नगर पालिका आदि से संबंधित हो सकते है। सभी ड्रिलिंग ऎजेंसियों सरकारी, निजी आदि को जिला प्रशासन के यहां पंजीयन करवाना अनिवार्य होगा। नये कूप, नलकूप इत्यादि के निर्माण स्थल के समीप एक सूचनाओं का बोर्ड लगाना अनिवार्य है जिसमेंं निम्न सूचनाएं लिखी जावे निर्माण, पुनर्वास के समय ड्रिलिंग एजेंसी का पूरा पता एवं फोन , उपयोगकर्ता एजेंसी, मालिक का पूरा पता एवं फोन नं. अंकित होना चहिए। उन्होंने निर्देशित किया है कि नये कूप, नलकूप के निर्माण के समय निर्माण स्थल को चारों तरफ से कांटेदार तार, बाड़ लगाकार ही निर्माण कार्य शुरू किया जावे। नये कूप, नलकूप निर्माण करने के उपरान्त उसके चारों सीमेंट, कंक्रीट का एक पक्का प्लेटफार्म का निर्माण के पश्चात खुला नहीं छोडा जाये और उसके मूंह को लोहे की प्लेट से अच्छी तरह से विल्डिंग किया जावे अथवा एक कैप नट और बोल्ट लगाकर पाइप असेम्बली को मजबूत के साथ बन्द करना सुनिश्चित किया जावे। पंप की मरम्मत करते समय या इस दैरान बोरवेल, ट््यूबवले को खुला नहीं छोडा जाना चाहिए। ड्रिलिंग कार्यों के दौरान खोदे गये गड्ढे एवं बनाई गयी नालियों को वेधन कार्य उपरान्त मिट्टी से भरा जाना सुनिश्चत करें।ं जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि किसी स्थान विशेष पर ड्रिलिंग ऑपरेशन पूरा होने के पश्चात उस स्थान को ड्रिलिंग कार्य की शुरूआत से पहले की स्थिति में बहाल किया जाना सुनिश्चित किया जावे। यदि किसी भी जगह अनुपयोगी बोरवेल, ट्यूबवेल खुला छोड दिया गया है तो संबंधित विभाग भू- जल विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी , नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका, निजी ठेकेदार आदि से यह प्रमाणपत्र लिया जाना सुनिश्चित करें कि इस अनुपयोगी बोरवेल, ट्यूबवेल को जमीन की सतह तक पूर्ण रूप से मिट्टी से भर दिया गया है। संबंधित निर्माण कर्ता एजेंसी, विभाग द्वारा अनुपयोगी बंद पडे बोरवेल, ट्यूबवेल या नये निर्मित होने वाले बोरवेल, ट्यूबवेल का समय-समय पर रेंडमील निरीक्षण किया जाना सुनिश्चित किया जावे और इन निरीक्षणों, आकडों की एकत्रित सूचना जिला कलेक्टर , ब्लॉक विकास अधिकारी, या इनके द्वारा अधिकृत अधिकारी, विभाग द्वारा रखा जाना सुनिश्चित किया जावे। उन्होंने कहा कि दिए गए दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित करवाई जाए तथा इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक उपाय किये जावें।