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कुम्भाराम लिफ्ट कैनाल के पानी की एक महीने में पुनः आपूर्ति कर दी जाएगी – जलदाय मंत्री

 जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा है कि कुम्भराम लिफ्ट कैनाल परियोजना के मलसीसर में टूटे हुऎ टेंक (रिजरवायर) को एक माह में ठीक करके झुंझुनू, खेतडी और गोठडा को एक महीने में जलापूर्ति सुचारू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे एवं सरकार इस टैंक के टूटने से चिंतित है और हमारा प्रयास है कि हम इस योजना से मिलने वाले पानी की आपूर्ति जल्द से जल्द पुनः प्रारम्भ कर सकें।
श्री गोयल सोमवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने सोमवार को ही मलसीसर में टूटे हुए टैंक व उससे बिखरे हुए पानी तथा गांवों के मकानों में भरे हुए पानी का जायजा लेने के बाद यह जानकारी पत्रकारों के साथ शेयर की। उन्होंने कहा कि इस टैंक की क्षमता लगभग 480 करोड लीटर की थी, जिसके विरूद्ध 430 करोड लीटर पानी भरा हुआ था। लेकिन इसके टूटने से 300 करोड लीटर के करीब पानी बह गया है तथा अब 130 करोड लीटर पानी ही टैंक में बचा है, जिससे पानी की आपूर्ति अभी भी करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि टैंक के टूटने के बाद कम्पनी के दो अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और दो अधिशाषी अधिकारियों हरपाल नेहरा एवं दिलीप तारक को निलम्बित कर दिया गया है तथा स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले अधिशषी अभियंता नृसिंह जांगिड के विरूद्ध भी उचित कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि टैंक टूटने की जांच रूडकी, पिलानी एवं अन्य आईआईटी के अधिकारियों द्वारा की जाएगी और इसकी जांच रिपोर्ट एक महीने में देने के निर्देश दिए गए है। यह तीन सदस्य समिति टैंक टूटने के कारणों की निष्पक्ष जांच करेगी और जो भी अधिकारी-कर्मचारी एवं कम्पनी दोषी पाई जाएगी उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे विभाग को भी करोडों का नुकसान हुआ है, लेकिन टैंक का निर्माण करने वाली कम्पनी की एक साल की डिफेक्ट लाईबिलिटि है, जिसके कारण कम्पनी को ही इस टैंक का दुबारा निर्माण अपने खर्चे पर करना होगा तथा अन्य नुकसान की भरपाई भी कम्पनी से की जाएगी।
उन्होंने बताया कि गांव के मकानों में भरे हुए पानी से हुए नुकसान का भी सर्वे करवाया जा रहा है। सर्वे के बाद उन्हें भी क्षर्तिपूर्ति का मुआवजा दिया जाएगा। पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि टैंक के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है, फिर भी जांच में सामने आया, तो उन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इन दोनों टैंकों के निर्माण पर 120 करोड रूपये की राशि खर्च होना बताया है।
प्रेस वार्ता में जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव रजत मिश्रा, परियोजना के एसई मन्नालाल कोली, जलदाय विभाग के एसई सीएल जाटव, जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव, अति. जिला कलेक्टर मुन्नीराम बागडिया, एसडीएम अलका विश्नोई, तहसीलदार दम्यंती कंवर, मण्डावा विधायक नरेन्द्र खीचड, सभापति सुदेश अहलावत, राजीव सिंह शेखावत, मुकेश दाधीच, विश्म्भर पूनियां, बंसत मोरवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि तथा मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

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