अपराधझुंझुनू

लॉटरी के झांसे में मजदूर ठगी का शिकार।

खेतड़ी, रवां गांव का मजदूरी करने वाला धर्मपाल कुमावत साईबर क्राइम के ठगी के शिकार हो गया। जानकारी के अुनसार धर्मपाल कुमावत को फोन पर 25 लाख रुपए की लॉटरी निकलने की बात कहकर शुरुआत में 5 हजार जमा करवाने की बात कही। 5 हजार जमा करवाते ही फिर तो बार-बार झांसे में लेकर कभी 30 हजार जमा करवा लेते तो कभी 50 हजार इस तरह से उन्होंने 4.50 लाख रूपय की ठगी कर ली। ठगी करने वाले ने भारतीय स्टेट बैंक तथा बैंक ऑफ बड़ौदा के अलग-अलग खाता नंबर देकर लगभग 20-22 नंबरों से फोन करके बार-बार ठगी कर ली यहां तक की अब भी फोन पर फोन आ रहे हैं रुपए जमा करवाने के लिए, झांसे भी ऐसे दे रहे हैं कि ठगी करने वाले कहते हैं कि आधे घंटे में ही आपके पैसे भिजवा रहे हैं इस तरह से कहकर रुपए जमा करवा लेते हैं। जब धर्मपाल कुमावत ने अपनी 22 साल की बिटिया की शादी के लिए रखे 2 लाख रुपया भी उनके खातों में जमा करवा दिया तथा ढ़ाई लाख रूपये का गांव में कर्जा लेकर भी ठगों के खातों में जमा करवा दिए। जब बेचारा धर्मपाल लूट-पीट गया सारे पैसे आने के रास्ते बंद हो गए और गांव वालों ने दोबारा वापस पैसे मांगने लगे तो किसी व्यक्ति ने बताया कि यह तो फर्जीवाड़ा है कोई लॉटरी नहीं लगती और किसी तरह के भी पैसे नहीं आते। तब धर्मपाल की आंख खुली और हार कर थाने में 1 जनवरी को रिपोर्ट दी लेकिन खेतड़ी पुलिस थाने में परिवाद दर्ज कर लिया लेकिन मामला साइबर क्राइम का होने की वजह से थाने में कोई कार्रवाई करने में असमर्थ बताते हुए 2 महीने तक रिपोर्ट को उलझाए रखा। जब किसी भी तरह से कार्यवाही नहीं होती देख पीडि़त धर्मपाल कुमावत का मानसिक संतुलन खराब हो गया और आत्महत्या करने के लिए जा रहा था तो रास्ते में गांव के पड़ोस का ही के व्यक्ति ने देख लिया और उसको बचाया। उसने कार्रवाई का आश्वासन दिलाते हुए थाने में गए और दोबारा से पुलिस पर दबाव बनाया। लेकिन इस तरह की फोन कॉलिंग की ठगी कई सवाल छोड़ रही है ग्रामीण क्षेत्र के भोले-भाले लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं लेकिन पुलिस भी ऐसे मामलों में जल्दी कार्रवाई नहीं करती। इसलिए फोन कॉलिंग से ठगी करने वाले गिरोह की वारदातें ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती जा रही है। धर्मपाल कुमावत का परिवार ठगी होने की वजह से सदमे में है अब परिवार को चिंता है अपनी बिटिया के पीले हाथ कैसे करेंगे व जिनसे कुछ समय के लिए कर्जा लिया था वह कैसे चुकाएगा। धर्मपाल कुमावत सिर्फ मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है। हालंाकि जब यह मामला पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र मीणा के सामने लाया गया तो उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही।
————————————-

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button