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जल का समुचित प्रबंधन एवं उपलब्धता का सर्वे कार्य किया जा रहा है – सीकर जिला कलेक्टर

 जिले में भू-जल स्तर उपर उठाने, जल का कुशल प्रबन्धन एवं वर्षा जल के संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में सोमवार को होटल में कार्यशाला जिला कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिला प्रमुख अपर्णा रोलन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुपम कायल सहित लाईजन विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।  जिला कलेक्टर ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि नाबार्ड द्वारा जिले में जिले की कई ग्राम पंचायतों में जल का समुचित प्रबंधन एवं उपलब्धता का सर्वे कार्य किया जा रहा है। एकीकृत समग्र विकास जल प्रणाली के तहत 33 ग्राम पंचायतों में सर्वे कर प्लान तैयार किया जाएगा जिसमें किस गांव में कितना पानी है उसे किस प्रकार प्रबंधन करना है का प्लान तैयार कर रहे है। उन्होंने कहा है कि उपलब्ध भूजल को नवीन तकनीक से उपयोग करेंगे तो आने वाली पीढ़ी के लिए पानी बचा सकते है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान चला कर बहुआयाती कार्य कर रही है इन कार्यो में दानवीर भामाशाहों का योगदान रहा है।  जिला प्रमुख ने कहा कि जल संरक्षण व सवर्धन का सर्वे कार्य बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। वाटर हारवेस्टिंग स्टक्चर निर्माण कर बारिश के पानी को बचाया जा सकता है। सर्वे कार्य में सरपंच व जन प्रतिनिधियों का सहयोग लिया गया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुपम कायल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरों में वर्षा जल से भूजल स्तर सुधारने में जन जागरूकता लानी होगी। उन्होंने कहा कि न्याय आपके द्वार अभियान में भी लोगों को जल बचत का तरीकों को प्रति जागरूकता लानी होगी साथ ही प्रचार-प्रसार किया जाना भी आवश्यक है।  नाबार्ड के एजीएम बीएल मीणा ने कार्यशाला में बताया कि सीकर जिले में भूजल स्तर में गिरावट जारी है इस प्रकार जल दोहन करते रहेंगे तो भूजल भी कम हो जाएगा। कार्यशाला में जल बचाने व संरक्षण के लिए एवं भविष्य का ध्यान रखते हुए अनेक बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 11 जिलों में सीकर भी शामिल है जिसमें 400 ग्रामों को ग्रांट किया गया है। जिले के 33 ग्राम पंचायतों में इम्पेक्ट सर्वे किया जाएगा जिसे नाबार्ड के माध्यम से वल्र्ड बैंक को जुलाई माह में प्रस्तुत की जाएगी। कार्यशाला में सरपंच, जल संसाधन, भूजल, राज्य जल संसाधन आयोजना, वाटर शैड विभागों द्वारा प्रोजेक्ट का अंतिम सर्वेक्षण निष्कर्ष निकाला जाएगा साथ ही 6 समुहों का ग्रुप डिस्केशन किया गया।

 

 

 

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