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महाराष्ट्र में साधुओं की हत्या करने वाले दरिंदों को फांसी देने की माँग

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना को सांप्रदायिकता का रंग देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

सूरजगढ़, आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में केंद्रीय गृह मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर महाराष्ट्र में निर्दोष साधुओं की पीट-पीटकर हत्या करने वाले दरिंदों को फांसी देने की मांग उठाई गई है। मानवता और न्यायतंत्र को शर्मसार करने वाली इस घटना को सांप्रदायिकता का रंग देने वाले मानवता के दुश्मनों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई है। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने बताया कि देश के कई हिस्सों में कई बार मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं घटित हो जाती हैं। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से देश में चल रहे लॉक डाउन के दौरान 16 अप्रैल को महाराष्ट्र में पालघर के पास गढ़चिंचले गाँव में पुलिस की मौजूदगी में भीड़ द्वारा तीन निर्दोष संतो की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या करने वाली घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। ये देश के लिए और मानवता के लिए शर्मसार कर देने वाली निंदनीय घटना है। न्यायतंत्र को शर्मसार करने वाली इस निंदनीय घटना में शामिल सभी दोषी पुलिस वालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। दो सौ से ज्यादा राक्षस प्रवृत्ति के लोगों की भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में निर्दोष साधुओं की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या की है। जितने दोषी हत्या करने वाले हैं, उससे भी ज्यादा दोषी पुलिस वाले हैं। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और सभी दोषी पुलिस वालों को दंडित किया जाना चाहिये। निर्दोष संतों की हत्या करने वाले दरिन्दो की संख्या दो सौ से ज्यादा रही है। उनमें से कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए। इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना को जिन लोगों ने सांप्रदायिकता का रंग देने की कोशिश की है उन मानवता के दुश्मनों पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जब तक ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी तब तक यह लोग सांप्रदायिकता को बढ़ावा देते रहेंगे और देश में अशांति का माहौल पैदा करते रहेंगे। सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। राह जाते तीन निर्दोष व्यक्तियों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। इंसानियत को शर्मसार करने वाली ऐसी घटना में जो लोग हिंदू मुसलमान का मुद्दा तलाश करते हैं। ऐसे व्यक्ति मानवता के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं। ऐसे इंसानियत के दुश्मनों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। देश में लॉक डाउन के दौरान हत्या और बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय से ज्ञापन के माध्यम से माँग की गई है कि महाराष्ट्र में निर्दोष साधुओं की हत्या करने वाले दरिंदों की संख्या दो सौ से ज्यादा थी। पुलिसकर्मियों सहित सभी आरोपियों को शीघ्रता से गिरफ्तार किया जाये और दोषियों को फांसी देकर संतों की आत्मा को शांति प्रदान की जाये। मानवता को शर्मसार करने वाली घटना को जिन लोगों ने सांप्रदायिकता का रंग देने की कोशिश की है। उन मानवता के दुश्मनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई गई है।

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