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सेन्ट्रल फोरेन्सिक टीम की ओर से बुधवार को चूरू जिले के गांव मालासर में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउन्टर को दोहराने के साथ ही सीबीआई द्वारा दर्ज मामले की इन्वेस्टिगेशन का काम अब पूरा हो गया है। सीबीआई द्वारा अब पूरे मामले की रिपोर्ट सीबीआई डायरेक्टर को भेजी जायेगी। सीबीआई द्वारा 8 जनवरी 2018 से आन्नदपाल एनकाउन्टर की जांच शुरू की गयी थी, इस दौरान सीबीआई डीएसपी सुनील एस रावत की टीम ने एसओजी, हरियाणा और राजस्थान पुलिस के साथ-साथ राजपूत नेताओं, आन्नदपाल के परिजनों इत्यादि सहित तकरीबन 250 लोगों के ब्यान दर्ज किये। आज से 13 महीने 7 दिन पहले अमावस्या की रात में 24 जून, 2017 को गैंगस्टर आन्नदपाल का गांव मालासर में एनकाउन्टर किया गया था, जिसे आज फिर से दौहराया गया। वहीं पुलिस फोर्स, वहीं हथियार, वहीं पुलिस के साधन और वही पुरानी पोजिशन फर्क बस इतना सा था कि वहां आनंदपाल की जगह डमी आन्नदपाल था और पूरा एनकाउन्टर सीन दिन में दौहराया गया। करीब साढ़े चार घण्टे चले रिक्रिएशन को 7 चरणों में दौहराया गया। सबसे पहले तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट द्वारा सीएफएसएल और सीबीआई टीम की मौजुदगी पूरा घटनाक्रम बताया गया
उसके बाद टीम ने 24 जून की रात में जिस तरह मोर्चा सम्भालकर श्रवण सिंह के घर में छुपे आन्नदपाल को ढ़ेर किया गया उसे दौहराते हुए राहुल बारहट की टीम ने घेराबंदी कर डमी आनंदपाल को ढ़ेर किया। सीबीआई डीवाईएसपी सुनील एस रावत की 8 सदस्यीय टीम और सीएफएसएल डायरेक्टर बी एल वर्धन की मौजूदगी में री-क्रिएट करवाए गए। एनकाउंटर के सीन में चूरू के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल बाहरठ समेत राजस्थान पुलिस, एसओजी और हरियाणा पुलिस के उन सभी लोगों को शामिल किया गयाए जो इस ऑपरेशन में शामिल रहे थे। इस पूरे सीन की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी सीएफएसएल द्वारा करवाई गई। दरअसल इस सीन को री-क्रिएट करने के पीछे पूरे मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज किए पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों के बयानों की जमीनी हकीकत को जांचना था। इस दौरान कांस्टेबल चेतन शर्मा को डमी आनंदपाल बनाया गया, एनकांउटर के मुताबिक आनंदपाल के सामने आने पर पहला फायर कंमाडो सोहन सिंह की तरफ से किया गया उसके बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल बाहरठ ने आनंदपाल पर फायर किया गया था। उसी पॉजिशन को वापस दोहराया गया।